Yashasvi Jaiswal Biography : गोलगप्पे बेचने के आलावा भी बहुत संघर्ष किया है यशस्वी ने, सर से भी छिन गई थी छत

Yashasvi Jaiswal Biography : यशस्वी जायसवाल का जीवन उन सभी क्रिकेट प्रशंसकों के लिए प्रेरणादायक है जो भविष्य में क्रिकेटर बनना चाहते हैं। यशस्वी जायसवाल ने कभी क्रिकेट को छोड़ने का नहीं सोचा जबकि उनकी जिंदगी में कई सारी मुश्किलें आई। यशस्वी जायसवाल ने अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्डकप सेमी फाइनल में पाकिस्तान के विरुद्ध शानदार नाबाद शतक लगाया था।;

Update: 2020-02-05 14:00 GMT

Yashasvi Jaiswal: यशस्वी जायसवाल आज ऐसा नाम है जिसे शायद ही कोई भारतीय क्रिकेट प्रशंसक न जानता हो। भारत में बहुत कम क्रिकेटर हुए हैं जिन्हे अंडर 19 में ही यशस्वी जायसवाल जैसे प्रख्याति मिल गए हो। यशस्वी जायसवाल को आज जितना फेम मिला है उसके लिए उन्होंने दिन रात मेहनत की भी की है। यशस्वी जायसवाल के बारे में सब जानते हैं कि वो उत्तर प्रदेश से मुंबई खेलने आए, यशस्वी ने काम यहां काम किया, क्रिकेट खेला और आज भारतीय क्रिकेट अंडर19 टीम का हिस्सा है।

लेकिन यशस्वी जायसवाल की जिंदगी सिर्फ इतनी नहीं है जितना आप जानते हो, यशस्वी जायसवाल को एक दिन अचानक उनके मालिक ने कह दिया था निकलो यहां से, सोचो मुंबई जैसे शहर में एक बच्चे के ऊपर से अचानक छत छिन जाए तो उसपर क्या बीती होगी। इसके बाद यशस्वी टूटे नहीं बल्कि जो ज़िन्दगी ने उन्हें दिया उसको यशस्वी जायसवाल ने सकारात्मक सोच के साथ स्वीकार किया। 

यशस्वी जायसवाल गोल गप्पे बेचते लगे

यशस्वी जायसवाल मुंबई में आते ही काम भी करने लग गए थे। यशस्वी मुंबई में एक डेरी में काम किया करते थे और डेरी में ही सो जाया करते थे। यशस्वी जायसवाल यहां से ही ट्रेनिंग करने भी जाते थे। किसी भी व्यक्ति को खर्चे के लिए पैसे की जरुरत होती है, वैसे ही यशस्वी जायसवाल को भी पैसों की जरुरत होती थी जिसके लिए वो पास ही के आजाद मैदान पर पानी पूरी बेचा करते थे।

पानी पूरी के अलावा यशस्वी वहीं लगने वाले मेले में कई अन्य चीजें भी बेचा करते थे। इन सब के बावजूद भी यशस्वी ने एक बार नहीं सोचा कि जिंदगी मुश्किल है तो क्रिकेटर बनने का सपना छोड़ दूं, बल्कि यशस्वी ने इस स्थिति को अपनी मजबूती बनाया। 


यशस्वी जायसवाल पर टूटा पहाड़

यशस्वी जायसवाल जहां डेरी में काम किया करते थे उसके मालिक ने यशस्वी जायसवाल से एक दिन अचानक कहा- अब तुम यहां नहीं रह सकते, यहां से चले जाओ। यशस्वी जायसवाल ने अपने कोच से सम्पर्क किया तो कोच ने यशस्वी जायसवाल को थोड़े समय के लिए अपने पास रखा और फिर यशस्वी जायसवाल को क्रिकेट ग्राउंड के पास बने टेंट के घर में रहने के लिए कह दिया।

यशस्वी जायसवाल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि यह उनके लिए अच्छा था क्योंकि वो पहले शख्स होते थे जो क्रिकेट ग्राउंड पर सबसे पहले आ जाते थे। वाकई यशस्वी जायसवाल हर चुनौती को स्वीकारने वाले इंसान भी है। 


पाकिस्तान के खिलाफ शतक लगाकर पिता की इच्छा की पूरी

अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्डकप 2020 के सेमीफाइनल में यशस्वी जायसवाल ने पाकिस्तान के खिलाफ शानदार शतक लगाकर भारत को दस विकेट से जीत दिलाई। यशस्वी जायसवाल के पिता ने बेटे से पहले ही कहा था कि आज तुम्हे जरूर जीतना है और साथ ही शतक भी लगाना है। यशस्वी जायसवाल ने अपने शतक से पिता और भारत देश का नाम रौशन किया है। 

अब भारत अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्डकप का फाइनल मैच 9 फरवरी को अन्य सेमीफाइनल की विजेता टीम से खेलेगी। फाइनल मुकाबले में भी यशस्वी चाहेंगे कि एक बड़ी पारी खेली जाए और भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम को वर्ल्डकप दिलाया जाए। 

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