Black Fungus: बेंगलुरू में ब्लैक फंगस के करीब 500 मामले आए सामने, अस्पताल में बेड नहीं होने पर दर-दर भटक रहे मरीज

भारत में कोरोना वायरस के बाद अब ब्लैक फंगस इंफेक्शन लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। देश के 21 राज्यों में महामारी घोषित हो गई है। वहीं कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ गई। जिसके बाद कई अस्पतालों में बेड की भारी कमी पड़ गई। इस इंफेक्शन के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाए जा रहे हैं। इस वक्त बेंगलुरु में कई अस्पतालों में बेड फुल हैं।
बेंगलुरु में ब्लैक फंगस के 500 मरीज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु सिटी में अब तक ब्लैक फंगस के 500 से ज्यादा मरीज एक्टिव है। जबकि दूसरे अन्य जिलों में भी इसके कई मामले देखे गए हैं। रिपोर्ट बताती है कि अब तक 25 केस अन्य जिलों से सामने आए हैं। वहीं दूसरी तरफ सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 53 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वहीं नए मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं हो रहे हैं। उसकी वजह है किसी भी अस्पताल में जगह नहीं है। सभी अस्पतालों में बेड फुल बताए जा रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि बेंगलुरु के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा की भी किल्लत हो रही है। लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन (Amphotericin B) की किल्लत है। फंगल इन्फेक्शन होने पर मरीज को कम से कम 12 दिनों तक अस्पताल में देखभाल के लिए रहना होता है। यह एक ऐसा इंफेक्शन है, जो कि नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है और आंख को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।
इसमें सबसे खतरनाक चीज यह है कि अगर यह संक्रमण एक बार नाक के जरिए मस्तिष्क में चला जाए, तो आदमी की जान जा सकती है। विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस इन्फेक्शन से सबसे ज्यादा शिकार वह लोग हो रहे हैं जिन्होंने हाल ही में स्टेरॉयड की डोज और कोविड-19 इलाज के बाद उभरकर ठीक हुए हैं। कोरोना वायरस मरीजों ठीक हुए हैं।
बेंगलुरु सिटी के मिंटो आई अस्पताल में ब्लैक फंगस के कम से कम 80 से ज्यादा मरीज पहुंचे। जिसमें से सिर्फ 50 मरीजों को ही भर्ती किया गया। बाकी मरीजों को इलाज के लिए अन्य अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। ऐसे में बेंगलुरु में इस संक्रमण के बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में बेड की कमी भी देखी जा रही है।
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