Amalaki Ekadashi 2022: आमलकी एकादशी व्रत की सही तिथि क्या है, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत के नियम

Amalaki Ekadashi 2022: आमलकी एकादशी 13 या 14 मार्च, जानें सही तारीख, पूजा व व्रत पारण मुहूर्त और इस दिन भूलकर भी ना करें ये काम।;

Update: 2022-03-08 03:35 GMT

Amalaki Ekadashi 2022: शास्त्रों में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी या आंवला एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी सभी एकादशी में सर्वश्रेष्ठ है। विष्णु पुराण की मानें तो एक बार भगवान विष्णु जी के मुख से चंद्रमा के समान प्रकाशीय बिन्दु प्रकट हुआ और पृथ्वी पर आ गिरा। उसी बिन्दु से आंवले के पेड़ की उत्पत्ति हुई। जिस कारण आंवले का वृक्ष पूजनीय और भगवान विष्णु जी को बेहद प्रिय है। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं आमलकी एकादशी व्रत की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस व्रत के नियमों के बारे में...

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आमलकी एकादशी व्रत 2022

आमलकी एकादशी व्रत तिथि 

साल 2022 में आमलकी एकादशी व्रत 14 मार्च, दिन सोमवार को रखा जाएगा।

एकादशी प्रारंभ 

13 मार्च 10:21 बजे से

एकादशी समाप्त

 14 मार्च रात्रि 12:05 बजे

व्रत पारण का मुहूर्त 

15 मार्च प्रात:काल 06:31 बजे से 08:55 बजे तक

आमलकी एकादशी पूजा विधि

एकादशी व्रत करने वाले लोगों को दशमी तिथि से ही व्रत के नियमों का पालन करते हुए इस दिन सात्विक आहार लेना चाहिए। अगले दिन एकादशी तिथि को प्रात: जल्दी उठकर स्नान के बाद हाथ में तिल, कुश और जल लेकर व्रत का संकल्प लें और पूजास्थल पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा करें।

इसके बाद आंवले के पेड़ की जड़ में वेदी बनाकर कलश स्थापित करें और कलश में पंच पल्लव रखकर धूप दीप जलाकर सभी पूजा सामग्री आंवले के वृक्ष को अर्पित कर दें। इसके बाद शाम को तुलसी के पौधे के सामने घी का दीप जलाकर तुलसी मंत्रों का जाप करें। अगले दिन द्वादशी की सुबह व्रत का पारण करते हुए ब्राह्मण को भोजन कराकर दान दक्षिणा देकर विदा करें।

आमलकी एकादशी महत्व

एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, आमलकी एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का विधिविधान से पूजा करने से व्यक्ति के सारे संकट दूर होकर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करने से सभी 12 एकादशियों के बराबर पुष्य व्रती को प्राप्त होता है। यह एकादशी व्रती को धन मान-सम्मान, अच्छी सेहत, ज्ञान, पारिवारिक सुख और मनोवांछित फल प्रदान करती है।

आमलकी एकादशी नियम

  1. एकादशी व्रत के नियम तीन दिन अर्थात दशमी, एकादशी और द्वादशी के होते हैं। इन तीनों ही दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें।
  2. एकादशी व्रत में फलाहार किया जाता है, इसीलिए इस दिन अन्न का सेवन ना करें और विशेषकर एकादशी के व्रत में चावलों का सेवन वर्जित माना जाता है।
  3. एकादशी के दिन किसी पर भी क्रोध ना करें। इस दिन सभी प्रकार की तामसिक चीजों से दूर रहें।
  4. एकादशी के दिन बाल और नाखून आदि भी नहीं काटने चाहिए।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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