Amalaki Ekadashi 2023: जानें कब है आमलकी एकादशी? ये है पूजा का मुहूर्त, पारण का टाइम और क्या है महत्व

Amalaki Ekadashi 2023: फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है।;

Update: 2023-02-06 04:37 GMT

Amalaki Ekadashi 2023: फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। आमलकी एकादशी महाशिवरात्रि (Mahashiratri) और होली (Holi) के बीच आती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, ये व्रत फरवरी या मार्च के महीने में आता है। एकादशी का व्रत तोड़ने को पारण कहते हैं। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले एकादशी का व्रत करने का बहुत महत्व है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाए, तो एकादशी का व्रत सूर्योदय के बाद ही मनाया जाता है। द्वादशी तिथि में पारण न करना पाप करने के समान है।

आमलकी एकादशी का महत्व (Importance of Amalaki Ekadashi)

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, आमलकी एकादशी का व्रत रखने और सभी नियमों का पालन करने से भक्त अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है। भगवान विष्णु के चरण कमलों में जगह मिल जाती है। एकादशी का व्रत भक्त को चिरस्थायी फल देता है। महाभारत में भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को एकादशी व्रत का महत्व समझाया है।

आमलकी एकादशी पूजा विधि (Amalaki Ekadashi Puja Method)

1. पूजा के दौरान अपने हाथ में कुछ तिल, कुशा घास, एक सिक्का और जल लेकर भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने उपवास करने का संकल्प लें।

2. मन में बोले मैं भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए आमलकी एकादशी का व्रत कर रहा हूं। श्रीहरि इस व्रत को पूरा कराएं।

3. इसके अलावा भगवान विष्णु की मूर्ति को स्नान कराएं और साफ कपड़े से पोंछ लें।

4. पूजा के दौरान भगवान को फूल, तुलसी दल और कुछ फल अर्पित करें।

5. आमलकी एकादशी व्रत कथा को पढ़ें आरती करें और भगवान विष्णु को भोग लगाएं।

6. भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद आंवले के पेड़ की पूजा करें। ध्यान रहे कि पहले पेड़ के आस-पास की सफाई से शुरुआत करें।

आमलकी एकादशी 2023 तारीख और पूजा मुहूर्त

तारीख - 3 मार्च 2023

दिन - शुक्रवार

एकादशी तिथि प्रारम्भ - 2 मार्च 2023 को सुबह 6:39 बजे

एकादशी तिथि समाप्त - 3 मार्च 2023 को सुबह 9:11 बजे तक

पारण का समय (व्रत तोड़ने का समय) - 4 मार्च सुबह 6:44 बजे से लेकर 9:03 बजे तक

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - सुबह 11:43 बजे

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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