Anant Chaturdashi 2021: अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि और अनंत चतुर्दशी का धागा कैसे बनाए, जानें...
Anant Chaturdashi 2021: एक साल में 24 चतुर्दशी तिथि होती हैं। वहीं अनंत चतुर्दशी भाद्रपाद मास के शुक्ली पक्ष में आने वाली चतुर्दशी को कहा जाता है। वहीं हिन्दू पंचांग के अनुसार तीन चतुर्दशी तिथि बहुत मुख्य चतुर्दशी शामिल हैं, जिनमें अनंत चतुर्दशी, नरक चतुर्दशी और बैकुंठ चतुर्दशी हैं और वहीं इन तीनों चतुर्दशी तिथि का अलग-अलग महत्व है। मूलत: जो डोल ग्यारस के बाद अनंत चतुर्दशी और उसके बाद पूर्णिमा तिथि जो आती है उसका खास महत्व होता है।;
Anant Chaturdashi 2021: एक साल में 24 चतुर्दशी तिथि होती हैं। वहीं अनंत चतुर्दशी भाद्रपाद मास के शुक्ली पक्ष में आने वाली चतुर्दशी को कहा जाता है। वहीं हिन्दू पंचांग के अनुसार तीन चतुर्दशी तिथि बहुत मुख्य चतुर्दशी शामिल हैं, जिनमें अनंत चतुर्दशी, नरक चतुर्दशी और बैकुंठ चतुर्दशी हैं और वहीं इन तीनों चतुर्दशी तिथि का अलग-अलग महत्व है। मूलत: जो डोल ग्यारस के बाद अनंत चतुर्दशी और उसके बाद पूर्णिमा तिथि जो आती है उसका खास महत्व होता है। वहीं इस साल अनंत चतुर्दशी 19 सितंबर 2021, दिन रविवार को मनायी जाएगी। इसी तिथि पर गणेश विसर्जन की भी परंपरा है। तो आइए जानते हैं अनंत चतुदर्शी पर भगवान विष्णु की पूजा विधि और अनंत सूत्र किस प्रकार बांधना चाहिए। जिससे हमारा कल्याण हो।
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अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान अनंत की पूजा का विधान होता है। भगवान विष्णु के सेवक शेषनाग का नाम अनंत है। वहीं पुराणों में अनंत चतुर्दशी व्रत की महिमा का बहुत अधिक बखान किया गया है।
अनंत चतुर्दशी के दिन आप प्रात:काल स्नान करके निवृत्त हो जाएं और उसके बाद आप पूजा का संकल्प लें। पूजा संकल्प के बाद आप पूजा कलश की स्थापना करें और कलश पर अष्टदलकमल की तरह बने बर्तन में अनंत की स्थापना के बाद एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंग लें। उसके बाद अनंत सूत्र तैयार करें। इस धागे में 14 गांठ लगा लें और भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखकर भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की विधिवत पूजा करें। इसके बाद भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। भगवान को मिष्ठान का भोग लगाएं। तथा अनंत भगवान का ध्यान करते हुए सूत्र धारण करें।
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला और अनंत फल देने वाला भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का भी पाठ करें। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत ही उत्तम माना जाता है।
भगवान विष्णु की कृपा के लिए श्रीसत्यनारायण की कथा करना भी बहुत ही लाभकारी है। वहीं इस दिन अनंत सूत्र बांधने का भी महत्व होता है। इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रुप की पूजा के बाद बाजु पर अनंत सूत्र बांधा जाता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)