Gupt Navratri 2021 : आषाढ गुप्त नवरात्रि कब हैं, जानें पूजा विधि, और घटस्थापना शुभ मुहूर्त

  • जानें, आषाढ गुप्त नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि कब है।
  • जानें, आषाढ गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि क्या होगी।
  • जानें, आषाढ गुप्त नवरात्रि में किस दिन करें घटस्थापना
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Update: 2021-06-29 03:14 GMT

Gupt Navratri 2021 : गुप्त नवरात्रि आषाढ मास के शुक्ल पक्ष में मनायी जाती हैं। गुप्त नवरात्रि में तंत्र, मंत्र और यंत्र की साधना से दस गुना अधिक शुभ फल प्राप्त होता है। आषाढ मास की नवरात्रि में भगवान शिव और मां शक्ति की उपासना की जाती है। गुप्त नवरात्रि गुप्त सिद्धियां प्राप्त करने का समय होता है। इस नवरात्रि में मां भगवती की आराधना दुर्गा सप्तसती से की जाती है। गुप्त नवरात्रि में मानसिक पूजा की जाती है। माता की आराधना मनोकामनाओं को पूरा करती है। गुप्त नवरात्रि में माता की पूजा देर रात्रि में की जाती है। नौ दिन व्रत का संकल्प लेते हुए प्रतिपदा के दिन घटस्थापना करनी चाहिए और प्रतिदिन सुबह-शाम मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। उसके पश्चात अष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं का पूजन करने के बाद व्रत का उद्यापन करें।

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आषाढ गुप्त नवरात्रि 2021

आषाढ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ 

11 जुलाई 2021, दिन रविवार

आषाढ गुप्त नवरात्रि समाप्त 

19 जुलाई 2021, दिन सोमवार

प्रतिपदा तिथि प्रारंभ 

06:46 AM, 10 जुलाई

प्रतिपदा तिथि समाप्त 

07:47 AM, 11 जुलाई

घटस्थापना का समय 

11 जुलाई 2021, दिन रविवार, 05:31 AM से 07:47 AM

अवधि

 02 घंटे 15 मिनट

अभिजीत मुहूर्त का समय 

11 जुलाई 2021, दिन रविवार, 11:59 AM से 12:54 PM

अवधि 

55 मिनट

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पूजा विधि

  • आषाढ नवरात्रि के दौरान दस महाविद्याओं की पूजा और साधना की जाती है। वहीं इस दौरान तंत्र साधनाओं के लिए महाकाल की विशेष पूजा की जाती है।
  • प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में की गई पूजा को गोपनीय रखा जाता है।
  • नवरात्रि के पहले दिन स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके पश्चात नौ दिनों तक व्रत करने का संकल्प लें।
  • शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें। कलश स्थापना करने के बाद सुबह-शाम मां भगवती के मंत्रों का जप करें। तथा श्रीदुर्गा चालीसा और श्रीदुर्गा सप्तसती का पाठ अवश्य करें।
  • मां दुर्गा को सुबह-शाम यानी दोनों बेलाओं में लौंग और बताशे का भोग लगाएं।
  • गुप्त नवरात्रि के दौरान मां को लाल रंग के पुष्प अवश्य अर्पित करें। मां को लाल पुष्प अति प्रिय हैं।
  • नवरात्रि के दौरान पूरे नौ दिनों तक खान-पान का विशेष संयम रखें और सात्विक आहार लें।
  • अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजा कर व्रत को पूर्ण करें।
  • गुप्त नवरात्रि में की गई देवी की आराधना जल्दी ही फलीभूत होती है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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