Baglamukhi Jayanti 2021 : मां बगलामुखी प्राकट्योत्सव आज, महामारी से बचाव और सभी समस्याओं से निजात व शत्रुओं पर विजय की कामना से की जाती है इनकी पूजा

  • मां बगलामुखी का प्राकट्य दिवस वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि यानि आज है।
  • मां बगलामुखी को पीला रंग प्रिय है।
  • मां बगलामुखी का एक नाम पीताम्बरा भी है।
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Update: 2021-05-20 02:36 GMT

Baglamukhi Jayanti 2021 : मां बगलामुखी का प्राकट्य दिवस वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि, दिन गुरुवार 20 मई 2021 यानि आज मनाया जाएगा। मां बगलामुखी की पूजा महामारी से बचने, सभी प्रकार की समस्या और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए की पूजा की जाती है। मां बगलामुखी को पीला रंग बहुत प्रिय है। इनका एक नाम पीतांबरा भी है। ये रंग पवित्रता, आरोग्य और उत्साह का रंग माना जाता है।

मां बगलामुखी मां भगवती दुर्गा की दस महाविधाओं में से एक हैं। देवी दुर्गा की दस महाविद्याओं में मां बगलामुखी आठवीं महाविद्या हैं। खासतौर से इनकी पूजा से दुश्मन, रोग और कर्ज से परेशान लोगों को लाभ मिलता है। इनकी पूजा में पीले रंग के कपड़े, फूल, आसन, माला, मिठाई और अन्य सामग्रियों का रंग भी पीला ही होता है। रोग और महामारी से बचने के लिए हल्दी और केसर से देवी बगलामुखी की विशेष पूजा करनी चाहिए।

पूजा विधि

कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास के अनुसार, आज सुबह जल्दी उठकर नहाएं और पीले रंग के कपड़े पहनें। पूर्व दिशा में उस स्थान पर गंगाजल छिड़के जहां पर पूजा करना है। उस जगह पर एक चौकी रख कर उस पर माता बगलामुखी की मूर्ति या फोटो स्थापित करें। इसके बाद आचमन कर हाथ धोएं और पानी छींटकर आसन पवित्र करें। हाथ में पीले चावल, हल्दी, पीले फूल और दक्षिणा लेकर माता बगलामुखी पूजा करें। माता की पूजा खासतौर से पीले फल और पीले फूल से करें। धूप, दीप और अगरबत्ती लगाएं। फिर पीली मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं।

मंत्र

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय।

जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा ।।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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