केले के उपाय से होते हैं भगवान विष्णु प्रसन्न, आप भी जानें
अगर आपके घर में, आपके जीवन में, और आपके वैवाहिक जीवन में और पति-पत्नी के बीच में लड़ाई-झगड़े होते हैं तो ऐसे में आप केला खाना छोड़ दें। इसके बाद आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आप दोनों के बीच झगड़े खत्म हो जाएंगे। और आपके बीच अगाध प्रेम हो जाएगा।;
अगर आपके घर में, आपके जीवन में, और आपके वैवाहिक जीवन में और पति-पत्नी के बीच में लड़ाई-झगड़े होते हैं तो ऐसे में आप केला खाना छोड़ दें। इसके बाद आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आप दोनों के बीच झगड़े खत्म हो जाएंगे। और आपके बीच अगाध प्रेम हो जाएगा। अगर आपके कारोबार में परेशानियां और निजी जीवन में आप दुख झेल रहे हैं तो आप गुरुवार के दिन तो केले का सेवन बिलकुल भी ना करें। चाहें आप व्रत ही क्यों ना करते हों लेकिन आप फलाहार में भी केला खाना छोड़ दें।
वैवाहिक जीवन और भाग्य का स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं। ज्योतिष के अनुसार गुरुवार के दिन किसी अनजान व्यक्ति से केले किसी भी रुप में बिलकुल भी ग्रहण ना करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके जीवन में दुखों की बरसात हो सकती है। और अगर आपके जीवन में परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं तो गुरुवार के दिन आप केले का दान करें। लेकिन केले का दान करने से पहले भी आप यह जान लें कि आपकी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति कैसी है, बिना जाने भी आप केले का दान ना करें। नहीं तो आपका गुरु कुंडली में मजबूत हुआ तो वह कमजोर हो जाएगा। मगर आप गुरुवार के दिन किसी से भी पीली वस्तुओं का दान ग्रहण ना करें। अगर कोई भी व्यक्ति इस दिन दान करता है तो अपने बुरे प्रभाव से बचने के लिए करता है तो इसलिए इस दिन पीली वस्तुओं का दान ना लें। और आप बृहस्पतिवार के दिन केले के ये उपाय कर सकते हैं जिनसे आपको निश्चित ही फायदा होगा। आइए आप भी जानें।
अगर आप कारोबारी हैं, या आप नौकरी पेशा व्यक्ति हैं। और तमाम जगह पर आपका बृहस्पति मजबूत हो और धन आने लगे तो सबसे पहले आपको दो केले लेने हैं, और जब भी आप पूजा-पाठ आदि करें तो जोड़ा संख्या में भगवान को केला अर्पित करें। विषम संख्याओं में केला भगवान को कभी भी अर्पित ना करें।
गुरुवार के दिन नित्य क्रियाओं से निवृत होने के बाद सुबह ही आप स्नान कर लें। और शाम को जोड़े की संख्या में केले लें। और एक केले पर कुमकुम से स्वास्तिक चिन्ह बना दें। और दूसरे केले पर अपना नाम लिखें। इसके बाद घर के मंदिर में एक मिट्टी का दीया जलाइए। और इस दीये में आपको दो लोंग डाल देनी हैं। और लोंग इस प्रकार दीये में डालें कि लोंग जलें नहीं और घी में भी डूबी रहें। इसके बाद भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए 'ऊँ नमों भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें। और इसके बाद आपकी जो भी मनोकामना है उसे भगवान के सामने कहें। और आप सो जाएं। अगले दिन यानि शुक्रवार के दिन प्रात:काल में उठकर स्नान करने के बाद अपने घर के मंदिर में जो केले रखें हैं उन्हें उठाकर अपने ऊपर से सात बार वार लें। और उसके बाद इन केलों को अलग-अलग कर लीजिए। तथा जिस केले पर आपने स्वास्तिक चिन्ह बनाया था, उस केले को आप किसी गाय को खिला दें। और अपनी मनोकामन गाय से भी कहें। और दूसरा केला जिस पर आपने अपना नाम लिखा है उसे प्रसाद के रुप में ग्रहण कर लें। और केले के छिलके को घर से बाहर कही भी पवित्र स्थान पर रख दें। जिससे कि उसे कोई जानवर खा ले। आपको यह उपाय पांच बृहस्पतिवार के दिन करना है। आपको शीघ्र लाभ मिलेगा।