Chanakya Niti: इन गुणों वाली औरत श्रेष्ठ पत्नी और मां कहलाती है, जानें...

Chanakya Niti: भारत में चाणक्य एक ऐसा नाम है जिनको लोग आज भी सम्मान के साथ याद करते हैं। उन्होंने समाज में मार्गदर्शन के लिए कई पुस्तकें भी लिखीं और कई सिद्धांतों की भी रचना की। इनके बताए गए सिद्धांत ना केवल राजनीति, बल्कि जीवन के हर एक क्षेत्र में आज भी प्रासंगिक हैं। चाणक्य ने ऐसी महिलाओं का जिक्र किया है जो किसी व्यक्ति की जीवनसंगिनी बन जाए तो उसका जीवन संवरते देर नहीं लगती है। तो आइए जानते हैं ऐसी महिलाओं के बारे में...;

Update: 2022-05-27 03:10 GMT

Chanakya Niti: भारत में चाणक्य एक ऐसा नाम है जिनको लोग आज भी सम्मान के साथ याद करते हैं। उन्होंने समाज में मार्गदर्शन के लिए कई पुस्तकें भी लिखीं और कई सिद्धांतों की भी रचना की। इनके बताए गए सिद्धांत ना केवल राजनीति, बल्कि जीवन के हर एक क्षेत्र में आज भी प्रासंगिक हैं। चाणक्य ने ऐसी महिलाओं का जिक्र किया है जो किसी व्यक्ति की जीवनसंगिनी बन जाए तो उसका जीवन संवरते देर नहीं लगती है। तो आइए जानते हैं ऐसी महिलाओं के बारे में...

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चाणक्य नीति के मुताबिक, शांत महिला को लक्ष्मी का स्वरुप माना जाता है। वहीं हर वक्त क्रोध में रहने वाली स्त्री चंडालनी का स्वरुप होती है। जिससे हर कोई बचना चाहता है। ऐसे में अगर किसी पुरुष के जीवन में शांतचित वाली महिला पत्नी बनकर आ जाए तो वह ना केवन घर को संवार देती है, बल्कि परिवार में एका और सुख-शांति भी बनाए रखती है। जिससे परिवार को तरक्की करते देर नहीं लगती है।

चाणक्य कहते हैं कि, अगर कोई शिक्षित गुणवान और संस्कारी महिला किसी के जीवन में आए तो वह हर एक परिस्थिति में परिवार की मददगार बन जाती है। ऐसी महिलाएं ना केवल आत्मविश्वास से भरपूर होती हैं, बल्कि बड़े फैसले लेने में भी निडर होती हैं। ऐसी महिला ना केवल पति बल्कि पूरे परिवार के लिए प्रेरणा बन जाती हैं।

मीठी वाणी हर किसी का मन मोह लेती है। मधुर वाणी बोलने वाली महिलाएं चाहे रिश्तेदार हो या कोई अन्य व्यक्ति, वह अपने बेहतरीन स्वभाव के कारण सबको एक सूत्र में बांधकर रखती है। चाणक्य नीति में कहा गया है कि, ऐसी मृदुभाषी महिला से शादी करने वाला पुरुष हमेशा खुशहाल जिंदगी जीता है। इस प्रकार की महिलाएं खुद को तो समाज में सम्मान पाती ही हैं, साथ ही साथ अपने मायके और ससुराल की प्रतिष्ठा को भी बढ़ा देती हैं।

वैसे तो इंसान की इच्छाएं असीमित मानी जाती हैं, लेकिन यह भी सच है कि, सभी इच्छाओं को पूरा नहीं किया जा सकता है। इसीलिए हमे अपने वर्तमान में रहकर ही खुश रहना पड़ता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसी महिलाएं जो परिस्थिति के अनुरुप अपनी इच्छाओं को मोड़ना जानती हैं, वे श्रेष्ठ पत्नी साबित होती हैं। ऐसी महिलाएं अपने पति और परिवार को अच्छे कार्य करने के लिए और सदमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं और उन सीमित इच्छाओं की वजह से परिवार भी कभी आर्थिक संकट में नहीं आता है। जिसका फायदा पूरे परिवार को मिलता है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)   

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