chhath puja 2020: छठ पूजा का पहला अर्घ्य आज, भगवान भास्कर की करें आरती, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

chhath puja 2020: छठ पर्व के दौरान भगवान भास्कर यानि सूर्यदेव की उपासना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों की पूजा से भगवान सूर्यदेव प्रसन्न हो जाते हैं उन लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिन दंपति के घर में संतान नहीं है, भगवान सूर्य और षष्ठी माता की कृपा से उन्हें संतान की प्राप्ति हो जाती है। इस वर्ष छठ पूजा का पहला अर्घ्य 20 नवंबर 2020 (आज) दिया जाएगा।;

Update: 2020-11-20 07:15 GMT

chhath puja 2020: छठ पर्व के दौरान भगवान भास्कर यानि सूर्यदेव की उपासना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों की पूजा से भगवान सूर्यदेव प्रसन्न हो जाते हैं उन लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिन दंपति के घर में संतान नहीं है, भगवान सूर्य और षष्ठी माता की कृपा से उन्हें संतान की प्राप्ति हो जाती है। इस वर्ष छठ पूजा का पहला अर्घ्य 20 नवंबर 2020 (आज) दिया जाएगा। और दूसरा अर्घ्य कल यानि 21 नवंबर 2020, दिन शनिवार को दिया जाएगा। अगर आप भी छठ पूजा में भगवान सूर्य को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो सूर्योपासना के दौरान इस आरती का पाठ अवश्य करें।

सूर्य भगवान की आरती (lord surya ki aarti)

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।

अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।

फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।

गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।

स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।

प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।

वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।

ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।

ॐ जय सूर्य भगवान...

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

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