chhath puja 2020: जानिए छठ पूजा का प्रसार कैसे हुआ, ऐसे हुई राजा प्रियव्रत को पुत्र रत्न की प्राप्ति

chhath puja 2020: छठ पूजा की शुरुआत 18 नवंबर 2020 यानि बीते कल से शुरू हो गई है। संतान की मंगलकामना की इच्छा से रखा जाने वाला ये व्रत कठिन व्रतों में से एक है।;

Update: 2020-11-19 05:25 GMT



chhath puja 2020: छठ पूजा की शुरुआत 18 नवंबर 2020 यानि बीते कल से शुरू हो गई है। संतान की मंगलकामना की इच्छा से रखा जाने वाला ये व्रत कठिन व्रतों में से एक है। इस पर्व की तैयारियां कई दिन पहले से शुरू हो जाती हैं। तो आइए आज आप भी जानें छठ पूजा की कथा के बारे में।


छठ पूजा की कथा (chhath puja ki katha)

छठ पर्व पर छठी माता की पूजा की जाती है। एक कथा के अनुसार प्रथम मनु स्वायम्भुव के पुत्र राजा प्रियव्रत को कोई संतान नहीं थी। इस वजह से वह दुखी रहते थे। महर्षि कश्यप ने राजा से पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ करने के लिए कहा।


महर्षि की आज्ञा के अनुसार राजा ने यज्ञ कराया। इसके बाद महारानी मालिनी ने एक पुत्र को जन्म दिया। लेकिन दुर्भाग्य से वह शिशु मृत पैदा हुआ। इस बात से राजा और अन्य परिजन बहुत दुखी थे। तभी आकाश से एक विमान उतरा। जिसमें माता षष्ठी विराजमान थी।

जब राजा ने उनसे प्रार्थना की तो उन्होंने अपना परिचय देते हुए कहा कि मैं ब्रह्मा की मानस पुत्री षष्ठी देवी हूं। मैं विश्व के सभी बालकों की रक्षा करती हूं। और नि:संतानों को संतान प्राप्ति का वरदान देती हूं।

इसके बाद देवी ने मृत शिशु को आशीष देते हुए हाथ लगाया जिससे वह जीवित हो गया। देवी की इस कृपा से राजा बहुत प्रसन्न हुए। और उन्होंने षष्ठी देवी की आराधना की। ऐसी मान्यता है कि इसके बाद से धीरे-धीरे हर ओर इस पूजा का प्रसार हो गया। 

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