chhath puja 2020: नहाय-खाय की विधि और सावधानियां, छठ पूजा में भूलकर भी ना करें ये गलतियां
chhath puja 2020: छठ त्योहार साल में दो बार आता है। पहली बार चैत्र मास में और दूसरी बार कार्तिक मास में आता है। भगवान सूर्य की उपासना के साथ छठ पर्व की शुरूआत होती है। हिन्दू धर्म इस पर्व की शुरूआत स्नान के साथ ही होती है।;
chhath puja 2020: छठ त्योहार साल में दो बार आता है। पहली बार चैत्र मास में और दूसरी बार कार्तिक मास में आता है। भगवान सूर्य की उपासना के साथ छठ पर्व की शुरूआत होती है। हिन्दू धर्म इस पर्व की शुरूआत स्नान के साथ ही होती है। और स्नान यानि नहाय-खाय के साथ ही होता है। कार्तिक महीने में छठ मनाने का विशेष महत्व है। छठ पर्व को मनाने के लिए कई सावधानियां रखनी पड़ती हैं। और इस पर्व को विधि भी अपने-अपने क्षेत्र के अनुसार होती है। तो आइए आप भी जानें नहाय-खाय की विधि और सावधानियों के बारे में।
नहाय-खाय की विधि और सावधानियां
सबसे पहले घर की साफ-सफाई कर लें। किसी नदी-तालाब में नहाकर शुद्ध वस्त्र पहनते हैं।
अगर घर के पास गंगाजी नहीं है तो नहाय-खाय पर भी गंगास्नान जरुर करना चाहिए। अगर गंगास्नान नहीं कर सकते हैं तो अपने स्नान के जल में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
छठ करने वाली व्रती महिलाएं या पुरुष चने की दाल और लौकी की शुद्ध घी में सब्जी बनाती हैं। और उसमें सेंघा नमक ही डाला जाता है। और बासमती शुद्ध अरबा चावल बनाते हैं।
भगवान गणेश और सूर्यनारायण को भोग लगाकर व्रती भोजन को प्रसाद के रुप में ग्रहण करते हैं। और घर के सभी सदस्य भी यही खाते हैं।
नहाय-खाय और छठ पर्व के दौरान घर के सदस्यों को मांस-मदिरा का सेवन नही करना चाहिए। रात को भी घर के सदस्य पूड़ी-सब्जी खाकर सो जाते हैं।
व्रत रखने वाली महिला या पुरुष जमीन पर सोते हैं।
नहाय-खाय से अगले दिन खरना मनाया जाता है।
इन बातों का रखें ख्याल
- नहाय खाय के दिन व्रती को हमेशा साफ सुथरे और धुले हुए कपड़े ही पहनना चाहिए।
-नहाय खाय से छठ समाप्त होने तक व्रती महिला और पुरुष को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए।
-घर में भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन न हो।
-साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें, पूजा की किसी वस्तु को जुठे यर गंदे हाथों से ना छूएं।