Devshayani Ekadashi 2020: देवशयनी एकादशी के बाद चार माह तक नहीं बजेगी शहनाई, 24 नवंबर तक रहेगा चार्तुमास

अब चार माह तक शादी-ब्याह के लिए न तो शहनाई बजेगी, न ही नए घर में गृह प्रवेश का मुहूर्त निकलेगा। यज्ञोपवीत संस्कार, नामकरण, नई बहुमूल्य वस्तुओं की खरीदी पर विराम लगेगा।;

Update: 2020-06-28 02:21 GMT

अब चार माह तक शादी-ब्याह के लिए न तो शहनाई बजेगी, न ही नए घर में गृह प्रवेश का मुहूर्त निकलेगा। यज्ञोपवीत संस्कार, नामकरण, नई बहुमूल्य वस्तुओं की खरीदी पर विराम लगेगा। देवशयनी एकादशी की वजह से 1 जुलाई से चातुर्मास में शुभ कार्य नहीं होंगे। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार 1 जुलाई से 24 नवंबर तक इस बार चार्तुमास रहेगा।

1 जुलाई से चार्तुमास शुरू हो रहा है, जो 24 नवंबर तक रहेगा। इस अवधि में शादी-ब्याह, गृहप्रवेश, नामकरण संस्कार, यज्ञोपवीत, मुंडन संस्कार जैसे धार्मिक कार्य वर्जित माने गए हैं। ज्योतिष के जानकारों का कहना है, 30 जून तक मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे। देवशयन के कारण चार माह तक शुभ कार्यों का मुहूर्त नहीं रहेगा। 25 नवंबर को भगवान विष्णु देवशयन से बाहर आएंगे। इसके बाद फिर से शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएगा।

चार्तुमास का अलग महत्व

इस अवधि में ध्यान, तप, साधना का विशेष महत्व बताया गया है। जैन धर्म के अनुसार चार्तुमास में जैन साधु-साध्वी पैदल विहार से बचते हुए ध्यान, तप करते हैं। ऐसी मान्यता है, वर्षा ऋतु के कारण कुछ ऐसे जीव-जंतु सक्रिय रहते हैं, जिन्हें जाने-अनजाने में किसी तरह का नुकसान न हो। जीव हिंसा से बचते हुए इस काल में चार्तुमास के नियम का पालन करने का विधान है।

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