Diwali 2021: गुरु-पुष्य नक्षत्र में करें इन चीजों की खरीदारी, जानें दिवाली तक बन रहे कौन से शुभ योग
Diwali 2021: इस बार दीपावली से पहले महामुहूर्त में खरीदारी करने का सबसे अच्छा मौका आया है। इस शुभ मुहूर्त में खरीदारी के अलावा आप जमीन, भवन,सोना-चांदी या शेयर बाजार में भी निवेश कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु और शनि में मित्रता का भाव है जिस कारण से गुरु-पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करना बहुत ही अच्छा रहेगा। तो आइए जानते हैं दीपावली तक कब और कौन से योग खरीदारी के लिहाज से बन रहे हैं शुभ।;
Diwali 2021: इस बार दीपावली से पहले महामुहूर्त में खरीदारी करने का सबसे अच्छा मौका आया है। इस शुभ मुहूर्त में खरीदारी के अलावा आप जमीन, भवन,सोना-चांदी या शेयर बाजार में भी निवेश कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु और शनि में मित्रता का भाव है जिस कारण से गुरु-पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करना बहुत ही अच्छा रहेगा। तो आइए जानते हैं दीपावली तक कब और कौन से योग खरीदारी के लिहाज से बन रहे हैं शुभ।
ये भी पढ़ें: Dhanteras 2021: धनतेरस का दिन खरीदारी के लिए है सबसे शुभ, जानें कौन से मुहूर्त में करें आप Shopping
खरीदारी के लिए शुभ योग
27 अक्टूबर- रवि योग
28 अक्टूबर- सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, गुरु पुष्य, अमृत
2 नवम्बर- त्रिपुष्कर योग
3 नवम्बर- सर्वार्थ सिद्धि योग
5 नवम्बर- सर्वार्थ सिद्धि योग, राज योग, कुमार योग
पुष्य नक्षत्र मुहूर्त
सप्तमी तिथि आरम्भ : 28 अक्टूबर प्रातः 9.41 बजे से
सप्तमी तिथि समाप्त: 29 अक्टूबर प्रातः11.38 बजे तक
रवि योग: 28 अक्टूबर प्रातः 9.30 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: 28 अक्टूबर पूरे दिन
गुरु पुष्य के संयोग में चौघड़िया
चर प्रातः 10.30 से दोपहर 12 बजे तक।
लाभ दोपहर 12.01 से 1.30 बजे तक ।
अमृत दोपहर 1.31 से 3 बजे तक।
शुभ दोपहर 4.30 से शाम 6 बजे तक।
अमृत सायं 6.01 से 7.30 बजे तक।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सभी 27 नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र बहुत ही शुभ और फलदायी माने जाते हैं जिसमें से गुरु-पुष्य नक्षत्र बहुत खास होता है। 28 अक्तूबर को पूरे दिन और रात के समय पुष्य नक्षत्र रहेगा। जब भी गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ता है इसे गुरु-पुष्य नक्षत्र कहा जाता है। ऐसा शुभ संयोग साल में एक से दो बार ही बनता है। गुरु पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके अलावा 28 अक्तूबर को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग भी रहेगा।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)