Diwali 2022 : दिवाली पर ऐसे करें मां लक्ष्मी और श्रीयंत्र की पूजा, खुलते हैं सुख-समृद्धि के द्वार
Diwali 2022 : जल्दी ही दीपावली का पर्व आने वाला है और इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। खासतौर से घर में सुख-समृद्धि और आर्थिक कष्टों के निवारण के लिए सभी लोग मां महालक्ष्मी जी से आशीर्वाद मांगते हैं और उनकी कृपा पाने की मनोकामना करते हैं।;
Diwali 2022 : जल्दी ही दीपावली का पर्व आने वाला है और इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। खासतौर से घर में सुख-समृद्धि और आर्थिक कष्टों के निवारण के लिए सभी लोग मां महालक्ष्मी जी से आशीर्वाद मांगते हैं और उनकी कृपा पाने की मनोकामना करते हैं। बहुत से लोग दीपावली पर मां लक्ष्मी जी के महालक्ष्मी यंत्र जिसे श्रीयंत्र भी कहा जाता है, उसकी पूजा करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, मां लक्ष्मी के श्रीयंत्र को घर में स्थापित करना लक्ष्मी पूजा के साथ ही श्रीयंत्र की पूजा करना बेहद ही लाभकारी और शुभकारी माना जाता है। पूजा से पहले घर में दीपावली के समय श्रीयंत्र की स्थापना की जाती है। वहीं दीपावली के दौरान धनतेरस पर आप श्रीयंत्र खरीद सकते हैं। श्रीयंत्र को आप अपनी पसंद और क्षमता के अनुसार, किसी भी धातु का ले सकते हैं।
श्रीयंत्र का आकार और धातु
श्रीयंत्र सोने, चांदी, तांबे, पीतल या स्टील और एल्यूमिनियम का भी हो सकता है। श्रीयंत्र की बनावट आमतौर पर चौकोर होती है, जिसमें नौ बड़े त्रिभुज 48 छोटे त्रिभुज बने होते हैं।
मां ल्क्ष्मी और श्रीयंत्र की पूजा
श्रीयंत्र की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर नित्यक्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान करें और इस स्थान पर श्रीयंत्र स्थापित है, उस स्थान को साफ करें। इसके बाद मां लक्ष्मी जी का पूजन करें और फिर श्रीयंत्र की पूजा करें। साथ ही ध्यान रखें कि, आप मां महालक्ष्मी जी की पूजा के साथ श्रीयंत्र स्थापित ना करें। वहीं आसपास थोड़ी दूरी पर श्रीयंत्र को स्थापित किया जा सकता है।
श्रीयंत्र को लाल रंग के वस्त्र के ऊपर स्थापित किया जाता है। इसके बाद पौराणिक मान्यता अनुसार, श्रीयंत्र पर पंचामृत चढ़ाया जाता है और गंगाजल के छींटे दिए जाते हैं। इसके पश्चात ऊँ श्री मंत्र का जाप किया जाता है। वहीं 108 मंनकों की माला से जाप भी किया जाता है।
वहीं माला का जाप आप कम से कम एक बार जरुर करें और अगर आपके पास पर्याप्त समय हो तो आप 21 माला जाप भी कर सकते हैं। श्रीयंत्र पर लाल पुष्प, रोली, अक्षत आदि अर्पित करने का विधान है। इसके बाद मिष्ठान का भोग लगाकर पूजा संपन्न की जाती है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)