Dussehra 2020 Start Date : जानिए दशहरे पर क्यों की जाती है शमी के पेड़ की पूजा

Dussehra 2020 Start Date : दशहरे का त्योहार (Dussehra Festival) असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन रावण दहन (Ravan Dahan) के साथ शमी की पेड़ की पूजा का भी विधान है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्यों की जाती है। शमी के पेड़ की पूजा अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं क्यों की जाती है शमी के पेड़ की पूजा।;

Update: 2020-10-11 07:52 GMT

Dussehra 2020 Start Date : दशहरे का त्योहार 25 अक्टूबर 2020 (Dussehra 25 October 2020) मनाया जाएगा। इस त्योहार को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम (Lord Rama) ने रावण पर विजय प्राप्त की थी। इसके साथ ही दशहरे पर शमी के पेड़ की पूजा को भी अधिक महत्व दिया जाता है। लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है आइए जानते हैं।

दशहरे पर क्यों की जाती है शमी के पेड़ की पूजा (Dussehra Per Kyu Ki Jati Hai Shami Ke Ped Ki Puja)

अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवरात्रि के बाद दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। दशहरे को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। असत्य पर सत्य के प्रतीक इस पर्व पर रावण दहन और शस्त्र पूजन के साथ शमी के पेड़ की भी पूजा की जाती है। संस्कृत में अग्नि को शमी गर्भ के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में विजयदशमी के दिन शमी के पेड़ का पूजन किया जाता है। महाभारत काल में पांडवों ने भी इसी पेड़ के ऊपर अपने अस्त्र शस्त्र छिपाए थे।

जिसके बाद उन्हें कौरवों से जीत प्राप्त हुई थी। गुजरात के कच्छ शहर के भुज में करीब चार सौ साल पुराना एक शमी वृक्ष है। विक्रमदित्य के समय में सुप्रसिद्ध आचार्य वाराहमीर ने अपने वृहद संहिता नामक ग्रंथ में कुसुमलता अध्याय में वनस्पति शास्त्र और कृषि उपज के ऊपर जो जानकारी प्रदान की है।उसमें शमी के पेड़ का उल्लेख मिलता है। वाराहमीर के अनुसार जिस समय शमी वृक्ष ज्यादा फलता फूलता है। उस साल सुखे की स्थिति का निर्माण होता है।

विजयदशमी के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने का एक तात्पर्य यह भी है कि यह पेड़ कृषि विपदा का आने वाले समय में पहले से ही संकेत दे देता है। जिससे किसान पहले से ही पुरुषार्थ करके आने वाले संकट का सामना करना पड़ सकता है। भारत के गुजरात में कई किसान अपने खेत में शमी का पेड़ लगाते हैं। जो एक कांटेदार पेड़ है। जिसके सुख जाने पर उस पर पीले रंग के फूल आते हैं। यह पेड़ हाल साल कई पशुओं के लिए चारे का भी काम करता है। इतना ही नहीं शमी का पेड़ किसान के लिए कई रूप से फायदेमंद है। इसी कारण से हिंदू धर्म में इसे अत्यंत ही पूजनीय माना जाता है।

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