hasthrekha shastra : मध्यमा अंगुली पर तिल होने के प्रभाव, आप भी जानें
hasthrekha shastra : मध्यमा अंगुली हाथ की सबसे बड़ी अंगुली होती है। और मध्यमा अंगुली को शनि की अंगुनी कहा जाता है। यदि यह अंगुली अच्छी, लंबी और सीधी होती है तो व्यक्ति गंभीर स्वभाव का होता है। यदि इस अंगुली का कनेक्शन दिमाग से समझा जाए तो हमारे अंदर जो चीजों को समझने की गंभीरता होती है। अंगुली के माध्यम से व्यक्त होती है। अगर मध्यमा अंगुली अन्य अंगुलियों के मुकाबले छोटी हो जाए तो व्यक्ति में गंभीरता की कमी आ जाती है। और ऐसा व्यक्ति कभी-कभी चिड़चिड़े स्वभाव का हो जाता है। कई लोगों के शरीर के अंगों पर कहीं ना कहीं तिल पाए जाते हैं। इन तिलों के कुछ ना कुछ प्रभाव हमारे जीवन में देखने को जरुर मिलते हैं। अगर इसी प्रकार का तिल आपकी मध्यमा अंगुली पर हो तो उसके क्या प्रभाव होते हैं, तो आइए आप भी जानें मध्यमा अंगुली पर तिल होने के प्रभाव के विषय में जरुरी बातें।;
hasthrekha shastra : मध्यमा अंगुली हाथ की सबसे बड़ी अंगुली होती है। और मध्यमा अंगुली को शनि की अंगुनी कहा जाता है। यदि यह अंगुली अच्छी, लंबी और सीधी होती है तो व्यक्ति गंभीर स्वभाव का होता है। यदि इस अंगुली का कनेक्शन दिमाग से समझा जाए तो हमारे अंदर जो चीजों को समझने की गंभीरता होती है। अंगुली के माध्यम से व्यक्त होती है। अगर मध्यमा अंगुली अन्य अंगुलियों के मुकाबले छोटी हो जाए तो व्यक्ति में गंभीरता की कमी आ जाती है। और ऐसा व्यक्ति कभी-कभी चिड़चिड़े स्वभाव का हो जाता है। कई लोगों के शरीर के अंगों पर कहीं ना कहीं तिल पाए जाते हैं। इन तिलों के कुछ ना कुछ प्रभाव हमारे जीवन में देखने को जरुर मिलते हैं। अगर इसी प्रकार का तिल आपकी मध्यमा अंगुली पर हो तो उसके क्या प्रभाव होते हैं, तो आइए आप भी जानें मध्यमा अंगुली पर तिल होने के प्रभाव के विषय में जरुरी बातें।
मध्यमा अंगुली के नीचे का जो भाग होता है। वह शनि पर्वत होता है। मध्यमा अंगुली के तीन हिस्से होते हैं। पहला हिस्सा यानि नाखून वाला भाग अर्थात नाखून के विपरित वाला भाग, दूसरा हिस्सा यानि बीच का हिस्सा और तीसरा हिस्सा यानि सबसे नीचे वाला भाग और शनि पर्वत के ऊपर वाला भाग, मध्यमा अंगुली का तीसरा हिस्सा होता है।
अगर आपकी मध्यमा अंगुली के पहले हिस्से में तिल है, यानि नाखून के विपरित भाग में आपकी मध्यमा अंगली पर तिल है, अर्थात पहले पोर पर तिल है तो ऐसे लोग की फैसले लेने की आदत बहुत अच्छी होती है। मतलब ऐसे लोग बहुत अच्छे डिसीजन लेते हैं। उनके द्वारा लिए गए फैसले जीवन में बहुत कामयाब होते हैं। और उनके फैसले केवल उनको ही लाभ नहीं पहुंचाते हैं बल्कि उनके फैसले उनसे जुड़े लोगों को भी लाभ पहुंचाते हैँ।
अगर आपकी मध्यमा अंगुली के दूसरे पोर पर तिल है तो यह आपके लिए बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता है। यह तिल आपके शरीर में खून की कमी और आपके रिश्तों में गर्म जोशी की कमी को दर्शाता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में और आपसी रिश्तों में उतना प्रेम नहीं होता है, जितना प्रेम होना चाहिए। ऐसा व्यक्ति तो दूसरों को अपनी ओर से प्रेम देने का साहस करता है लेकिन बदले में उसे लोगों से उतना प्रेम नहीं मिल पाता है।
इसके अलावा अगर आपकी मध्यमा अंगुली के तीसरे पोर पर तिल है तो यह तिल आपकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दर्शाता है। ऐसे लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पाई जाती हैं। कुछ लोगों को गैस की समस्या भी हो सकती है। ऐसे लोगों के शरीर के निचले हिस्से में दर्द की प्रॉब्लम पाई जाती है। लेकिन अगर आपकी शनिरेखा मजबूत है और आपका शनि पर्वत भी अच्छा है तो इस तिल के प्रभाव कम हो जाते हैं।
और मध्यमा अंगुली ही आपके व्यक्तित्व को दर्शाती है। अगर आपकी मध्यमा अंगुली की लंबाई सामान्य और ऊपर से चौकोर हो तो आपकी तर्क शक्ति अधिक होगी। तथा ऐसा व्यक्ति अपने एक नियम और व्यवस्था से अपने कार्यों को संपन्न करता है। अगर मध्यमा अंगुली मुड़ी हुई है तो हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है कि आपके बौद्धिक स्तर का पूरा विकास नहीं हो पाया है।