Vinayak Chaturthi 2021 : कल है फाल्गुन माह की विनायक चतुर्थी, जानें कैसे मिलेगा आपको गणपति जी का आशीर्वाद
- विनायक और संकष्टी चतुर्थी (Vinayak and Sankashti Chaturthi) प्रत्येक माह में आती हैं।
- विनायक चतुर्थी प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष में आती है तो वहीं संकष्टी चतुर्थी प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनायी जाती है।
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Vinayak Chaturthi : विनायक और संकष्टी चतुर्थी (Vinayak and Sankashti Chaturthi) प्रत्येक माह में आती हैं। जबकि विनायक चतुर्थी प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष में आती है तो वहीं संकष्टी चतुर्थी प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनायी जाती है। विनायक चतुर्थी के दिन भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए उनका व्रत और पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी 17 मार्च 2021, दिन बुधवार को मनायी जाएगी। वैसे तो बुधवार के दिन भगवान गणेश का व्रत करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। किन्तु अगर बुधवार के दिन विनायक चतुर्थी का योग बन जाए तो यह दिन और भी शुभ हो जाता है। तो आइए जानते हैं फाल्गुन माह में आने वाली विनायक चतुर्थी की पूजा विधि के बारे में।
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विनायक जी का आशीर्वाद पाने के लिए ऐसे करें उनकी पूजा
- विनायक चतुर्थी के दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर करके शुद्ध हो जाए।
- पूजा के स्थान पर आप इस दिन गणपति जी की प्रतिमा को साफ करके विराजमान करें और गंगाजल छिड़कर पवित्र कर लें।
- भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा को चौकी के ऊपर पीले कपड़े बिछाकर स्थापित करें और भगवान को धूप, दीप और अगरबत्ती जलाकर पूजा करें।
- इस दिन जब तक गणपति जी आपके घर में विराजमान रहें तब तक उनका अखंड दीप प्रज्वलित रहना चाहिए।
- गणपति जी के मस्तक पर आप कुमकुम और चंदन का टीका लगाएं और उसके बाद चावल और दूर्वा गणपति जी को अर्पित करें।
- विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणपति जी को आप पुष्प अर्पित करें।
- बुधवार के दिन गणपति जी का ध्यान करते हुए गणेश स्तुति और गणेश चालीसा व गणेश आरती का पाठ करें।
- विनायक चतुर्थी के दिन आप ओम गंग गणपते नम: मंत्र का जप करें।
- भगवान गणेश की आरती के बाद आप गणपति जी को फल या मिठाई का भोग जरुर लगाएं।
- अगर आपके लिए संभव हो तो विनायक चतुर्थी के दिन गणपति जी को मोदक का भोग लगाएं। क्योंकि भगवान गणपति जी को मोदक बहुत प्रिय हैं।
- विनायक चतुर्थी के दिन आप रात्रि जागरण अवश्य करें।
- गणेश जी जब तक आपके घर में विराजमान हैं तब तक उन्हें अकेला ना छोड़ें। हर समय कोई ना कोई व्यक्ति उनके पास रहना चाहिए।
- विनाययक चतुर्थी के दिन अपने विचार अच्छे रखें और किसी को भी बुरा-भला ना बोलें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)