Garud Puran: सुख-समृद्धि और उन्नति के लिए आज से ही करें ये छह काम, वरना...
Garud Puran: गरुड़ पुराण बहुत ही रोचक हिन्दू धर्मग्रंथ है। जिसमें व्यक्ति के कर्मों के आधार पर उसके भविष्य के बारे में वर्णन है। वहीं गरुड़ पुराण में जीवन और मृत्यु के बाद जीवात्मा के साथ क्या होता है उसके बारे में विस्तार से बताया गया है। मनुष्य अपने जीव को कैसे सुखमय बना सकता है इस विषय में भी गरुड़ पुराण में उल्लेख मिलता है। तो आइए जानते हैं गरुण पुराण के एक श्लोक के माध्यम से कि उन्नति की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को हमेशा छह देवी-देवताओं की पूजा जरुर करनी चाहिए।;
Garud Puran: गरुड़ पुराण बहुत ही रोचक हिन्दू धर्मग्रंथ है। जिसमें व्यक्ति के कर्मों के आधार पर उसके भविष्य के बारे में वर्णन है। वहीं गरुड़ पुराण में जीवन और मृत्यु के बाद जीवात्मा के साथ क्या होता है उसके बारे में विस्तार से बताया गया है। मनुष्य अपने जीव को कैसे सुखमय बना सकता है इस विषय में भी गरुड़ पुराण में उल्लेख मिलता है। तो आइए जानते हैं गरुण पुराण के एक श्लोक के माध्यम से कि उन्नति की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को हमेशा छह देवी-देवताओं की पूजा जरुर करनी चाहिए।
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श्लोक
विष्णुरेकादशी गंगा तुलसीविप्रधेवन:।
असारे दुर्गसंसारे षट्पदी मुक्तिदायिनी।।
भगवान विष्णु
गरुड़ पुराण के मुताबिक, भगवान श्रीहरि विष्णु समस्त सृष्टि के पालनहार हैं और अपने भक्तों के दुख दूर करते हैं। तो इसीलिए उन्नति चाहने वाले पुरुष को उनकी पूजा-आराधना और स्मरण-ध्यान जरुर करना चाहिए।
एकादशी व्रत
श्लोक के अनुसार, उन्नति की कामना रखने वाले मनुष्य को एकादशी व्रत जरुर रखना चाहिए। वहीं अगर व्यक्ति एकादशी का व्रत रखने में सक्षम ना हो तो उसे एकादशी व्रत के नियमों का पालन जरुर करना चाहिए।
तुलसी
पृथ्वी पर तुलसी के पौधे को देवी का दर्जा दिया गया है और धर्मशास्त्रों में तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय बताया गया है। इसीलिए उन्नति की कामना रखने वाले व्यक्ति को तुलसी पूजा जरुर करनी चाहिए।
गाय
हिन्दू सनातन धर्म में गाय को माता कहा जाता है और वहीं गाय श्रीकृष्ण को भी प्रिय होती है। गाय सुख-संपत्ति और उन्नति का प्रतीक है। इसीलिए उन्नति चाहने वाले व्यक्ति को गाय की सेवा अवश्य करनी चाहिए।
गंगा नदी
गंगा नदी को स्वर्ग की नदी और पुण्यदायिनी माना जाता है। इसीलिए उन्नति की कामना रखने वाले मनुष्य को गंगा नदी को देव तुल्य मानकर उसकी पूजा करनी चाहिए।
ब्राह्मण
धर्मशास्त्रों में ब्राह्मण को साक्षात देवता कहा जाता है। इसीलिए कभी भी भूल से भी ब्राह्मण का अपमान ना करें और उनका यथासंभव सम्मान करें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)