गरुण पुराण के अनुसार स्नान करने से पूर्व और स्नान करने के बाद के कार्य, आप भी जानें

गरुण पुराण में स्नान से पूर्व और स्नान के बाद के कुछ कर्म निधार्रित किए गए हैं। और कहा गया है कि व्यक्ति को इन कर्मों का जरुर अनुशरण करना चाहिए। गरुण पुराण में ये भी विस्तार से लिखा है कि स्नान से पहले व्यक्ति को क्या करना चाहिए। और स्नान करने के पश्चात क्या करना चाहिए। तो आइए आप भी जाने गरुण पुराण के अनुसार स्नान से पहले और स्नान के बाद में किए जाने वाले कार्यों के बारे में आवश्यक बातें।;

Update: 2020-08-17 08:01 GMT

गरुण पुराण में स्नान से पूर्व और स्नान के बाद के कुछ कर्म निधार्रित किए गए हैं। और कहा गया है कि व्यक्ति को इन कर्मों का जरुर अनुशरण करना चाहिए। गरुण पुराण में ये भी विस्तार से लिखा है कि स्नान से पहले व्यक्ति को क्या करना चाहिए। और स्नान करने के पश्चात क्या करना चाहिए। तो आइए आप भी जाने गरुण पुराण के अनुसार स्नान से पहले और स्नान के बाद में किए जाने वाले कार्यों के बारे में आवश्यक बातें।

1. दातुन

गरुण पुराण के अनुसार व्यक्ति को स्नान करने से पहले दातुन अवश्य कर लेनी चाहिए। दातुन करते समय व्यक्ति को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर पवित्र स्थान पर बैठकर ही दातुन करनी चाहिए।

2. तर्पण

स्नान करने के पश्चात व्यक्ति को देवताओं, ऋषियों-मुनियों और पितृगणों का विधिवत तर्पण करना चाहिए। गरुण पुराण में लिखा है कि स्नान करने के बाद वेद माता गायत्री का जप, यानि गायत्री मंत्र का जाप करके सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने वाला व्यक्ति गरुण पुराण के अनुसार यशस्वी होता है। यानि अगर आपको सफल होना है, और या आपको यशस्वी होना है, या आपको धनवान बनना है तो गरुण पुराण के अनुसार आपको प्रतिदिन स्नान करके तर्पण करना चाहिए।

3. मन की स्वच्छता

वैसे तो स्नान करना आवश्यक है। लेकिन इसके साथ ही व्यक्ति को अपने मन की स्वच्छता पर भी ध्यान रखना चाहिए। मन की स्वच्छता न केवल व्यक्ति का धर्म है, बल्कि उसे अनेक बुराईयों से भी बचाती है। 

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