Ghochar 2022: वर्ष 2022 में गुरू, शनि, राहु और केतु बदलेंगे अपनी राशि, जानें इनके प्रभाव और उपाय
Gochar 2022: साल 2022 ज्योतिषीय दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस साल साल बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। अमूमन ग्रहों के राजा सूर्य एक महीने में राशि बदल लेते हैं। इसके साथ ही शुक्र और बुध भी किसी भी राशि में एक माह से ज्यादा नहीं रहते। वहीं चंद्रमा भी सवा दो दिन में दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। लेकिन सौरमंडल के महत्वपूर्ण ग्रहों की बात करें तो बृहस्पति शनि राहु और केतु ग्रह लंबे अंतराल के लिए किसी राशि में जाते हैं।;
Gochar 2022: साल 2022 ज्योतिषीय दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस साल साल बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। अमूमन ग्रहों के राजा सूर्य एक महीने में राशि बदल लेते हैं। इसके साथ ही शुक्र और बुध भी किसी भी राशि में एक माह से ज्यादा नहीं रहते। वहीं चंद्रमा भी सवा दो दिन में दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। लेकिन सौरमंडल के महत्वपूर्ण ग्रहों की बात करें तो बृहस्पति शनि राहु और केतु ग्रह लंबे अंतराल के लिए किसी राशि में जाते हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि साल 2022 ऐसा ही साल होने जा रहा है जब बृहस्पति शनि राहु और केतु ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे। इसलिए साल 2022 को ज्योतिषीय दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना गया है। इन चारों ग्रहों का राशि परिवर्तन व्यापक रूप से सभी राशियों देश-दुनिया व समाज पर असर डालेगा।
2022 में गुरु की चाल
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 22 फरवरी को देव गुरु बृहस्पति अस्त होंगे और 23 मार्च को उदय होंगे। इसके बाद देव बृहस्पति 13 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि से मीन में प्रवेश करेंगे। वहीं 28 जुलाई को मीन राशि में वक्री होंगे और 23 नवंबर को मार्गी हो जाएंगे।
2022 में शनि की चाल
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वर्ष 2022 में शनि 28 अप्रैल तक मकर राशि में रहेंगे। इस दौरान मकर, धनु और कुंभ राशि के जातकाें पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन व तुला राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या रहेगी। 29 अप्रैल को शनि मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। नववर्ष में मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी और वृश्चिक व कर्क राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। शनि 18 जनवरी को मकर राशि मे अस्त हो जाएंगे और 20 फरवरी को उदय होंगे। चार जून को शनि कुंभ राशि मे वक्री होंगे और 12 जुलाई को वापस मकर राशि मे आ जाएंगे। उसके पश्चात मकर राशि में शनि 23 अक्टूबर को मार्गी होकर 17 जनवरी 2023 में कुंभ राशि मे जाएंगे।
नववर्ष में राहु और केतु बदलेंगे अपनी चाल
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि करीब 18 साल 7 महीने बाद राहु मेष राशि में प्रवेश करेगा। अगले वर्ष राहु 12 अप्रैल 2022 को सुबह 10:36 बजे वृषभ राशि से मेष राशि में गोचर करेगा। राहु हमेशा वक्री चाल ही चलता है। वक्री अर्थात उल्टी चाल में ही वह भ्रमण करता है। शनि ग्रह की तरह ही राहु बहुत धीमी गति से भ्रमण करता है। यह एक राशि में करीब 1.5 रहता है। राहु केतु हमेशा वक्री चाल ही चलते हैं। वक्री अर्थात उल्टी चाल में ही वह भ्रमण करते हैं। इस वर्ष केतु वृश्चिक राशि से 12 अप्रैल, 2022 को सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर तुला राशि में गोचर करेगा।
राहु और केतु का असर
मेष वृषभ मकर और धनु के लिए राहु केतु का गोचर शुभ नहीं है जबकि मिथुन कर्क तुला और वृश्चिक के लिए यह शुभ होगा। बाकि के लिए सामान्य रहेगा।
शनि का असर
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि अगले साल 2022 में मीन पर साढ़ेसाती प्रारंभ होगी जबकि कर्क और वृश्चिक पर शनि की ढैय्या प्रारंभ होगी। अगले वर्ष धनु से साढ़ेसाती हटेगी और तुला एवं मिथुन वालों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। वर्तमान में शनि ग्रह के मकर राशि में रहने के कारण वर्ष 2021 में धनु मकर और कुंभ इन तीन राशियों पर साल 2021 में शनि की साढ़ेसाती चल रही हैए जबकि मिथुन और तुला पर ढैय्या चल रही है।
2022 में पड़ेंगे दो सूर्य ग्रहण व दो चंद्र ग्रहण
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि नववर्ष 2022 में दो सूर्य ग्रहण व दो चंद्र ग्रहण पड़ेंगे। इनमें खंडग्रास सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल की मध्य रात्रि व एक अप्रैल की पूर्व रात्रि 12:15 मिनट से मोक्ष रात्रि चार बजकर आठ मिनट तक रहेगा। यह ग्रहण भारत में नहीं लगेगा, इसलिए इसका सूतक मान्य नहीं होगा। दूसरा सूर्य ग्रहण खंडग्रास सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा। इसका स्पर्श समय शाम चार बजकर 31 मिनट और मोक्ष समय शाम 5:57 मिनट तक का रहेगा। दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा। पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को खग्रास चंद्र ग्रहण होगा, जो सुबह सात बजकर दो मिनट से दोपहर 12:20 मिनट तक रहेगा। इस ग्रहण को भारतीय नहीं देख सकेंगे। दूसरा खग्रास चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को लगेगा। इसकी अवधि दोपहर एक बजकर 32 मिनट से शाम 7:27 मिनट तक रहेगी। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। भारत में यह ग्रहणमोक्ष होता हुआ ग्रस्तोदय रूप में दिखेगा।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)