Gochar 2021: गुरु वक्री स्थिति में शिक्षा, कारोबार पारिवारिक जीवन और राजनीति में मचा सकते हैं हलचल, जानें इस गोचर का क्या होगा प्रभाव
Gochar 2021: गुरु ग्रह 14 सितंबर 2021, दिन मंगलवार को मकर राशि में प्रवेश करेंगे और यहां शनि ग्रह के साथ युति बनाएंगे। मकर राशि में शनि और गुरु का गोचर अनेक कारणों से महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष के मुताबिक, बृहस्पति के राशि परिवर्तन से राजनीति में उतार-चढ़ाव का दौर रह सकता है, तो वहीं कारोबार, शिक्षा परिवारिक जीवन, पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा। तो आइए जानते हैं गुरु ग्रह के वक्री होने के कारण इसका शिक्षा, कारोबार पारिवारिक जीवन और राजनीति पर क्या असर हो सकता है।;
Gochar 2021: गुरु ग्रह 14 सितंबर 2021, दिन मंगलवार को मकर राशि में प्रवेश करेंगे और यहां शनि ग्रह के साथ युति बनाएंगे। मकर राशि में शनि और गुरु का गोचर अनेक कारणों से महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष के मुताबिक, बृहस्पति के राशि परिवर्तन से राजनीति में उतार-चढ़ाव का दौर रह सकता है, तो वहीं कारोबार, शिक्षा परिवारिक जीवन, पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा। तो आइए जानते हैं गुरु ग्रह के वक्री होने के कारण इसका शिक्षा, कारोबार पारिवारिक जीवन और राजनीति पर क्या असर हो सकता है।
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शिक्षा पर प्रभाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि गुरु ज्ञान, विवेक और एकाग्रता के कारक माने जाते हैं, इसलिए गुरु की वक्री गति का प्रतिकूल प्रभाव शिक्षा क्षेत्र में देखने को मिल सकता है। गुरु की वक्री गति के दौरान विद्यार्थियों के जीवन में भटकाव आ सकता है इसके साथ ही गलत संगति के कारण कुछ विद्यार्थियों की शिक्षा पर प्रतिकूल असर देखने को मिल सकता है। वहीं बुद्धि और तार्किक क्षमता के कारक ग्रह बुध भी इसी माह 27 तारीख से तुला राशि में वक्री गति आरंभ कर देंगे जिसके कारण विद्यार्थियों को ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। इस दौरान आपको अपनी एकाग्रता को बनाए रखने के लिए प्राणायाम का सहारा लेना चाहिए।
व्यवसाय पर प्रभाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि अच्छा व्यवसाय और व्यवसाय में मुनाफा कमाने में भी गुरु ग्रह का बड़ा योगदान होता है। जब भी गुरु अपनी मार्गी गति आरंभ करते हैं तो कारोबारियों को लाभ मिलने की आशंका अधिक होती है, वहीं वक्री गति के दौरान गुरु प्रतिकूल प्रभाव दे सकते हैं। गुरु के वक्री के दौरान कारोबारियों को कोई भी बड़ा फैसला लेने से बचना चाहिए। इस दौरान लिए गए फैसलों से लाभ मिलने की संभावना कम रहेगी। सोने को गुरु से संबंधित धातु माना गया है। इसलिए गुरु के वक्री होने से सोने की कीमतों में तेज उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
पारिवारिक जीवन पर प्रभाव
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि गुरु की वक्री गति करने के कारण पारिवारिक जीवन में भी लोगों को असर देखने को मिल सकता है। इस दौरान वैवाहिक जीवन में प्रवेश कर चुके लोगों को अपने जीवनसाथी से सावधानी से बात करनी चाहिए। साथ ही अपनी बातों को इस तरह से कहना चाहिए कि जीवनसाथी को बुरा न लगे। अत्यधिक गुस्सा और आक्रोश वैवाहिक जीवन में परेशानी का कारण बन सकता है।
राजनीति पर प्रभाव
भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि गुरु को विवेकशीलता, पारदर्शिता और बड़े फैसले लेने में सहायक ग्रह माना जाता है। इसलिए राजनीतिज्ञों की कुंडली में गुरु की स्थिति बहुत अहम मानी जाती है। चूंकि 14 सितंबर से गुरु वक्री गति कर रहे हैं इसलिए इस दौरान दूरदर्शिता की कमी सरकार के फैसलों में झलक सकती है। जिस कारण से कुछ क्षेत्रों में अव्यवस्था का माहौल देखा जा सकता है।
गुरू के उपाय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन ॐ भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का एक माला जाप करें। साथ ही भगवान विष्णु को संभव हो तो पीले रंग के फल का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटें। देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, बेसन के लड्डू आदि किसी योग्य ब्राह्मण को दान करें और केले के वृक्ष पर जल चढ़ाएं। जिन जातकों को रोग, शत्रु, आदि से परेशानी के साथ-साथ अपने कामकाज में अचानक से तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हो, वे नियमित रुप से राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। देवगुरु बृहस्पति का यह उपाय परम कल्याणकारी सिद्ध होगा। प्रतिदिन भगवान श्री विष्णु की आराधना के बाद हल्दी और चंदन का तिलक करें। हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें। ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है। श्री राम भक्त संकट मोचन हनुमान जी आप सबकी रक्षा करें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)