Gochar 2021 : अमृत संजीवनी के मालिक शुक्र कल करेंगे कर्क में प्रवेश, जानें इसके शुभ-अशुभ प्रभाव

  • मिथुन राशि छोड़कर कर्क राशि में गोचर करेंगे शुक्र
  • शुक्र 17 जुलाई 2021 तक कर्क राशि में रहेंगे।
  • शुक्र वृषभ और तुला राशि के स्वामी माने जाते हैं।
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Update: 2021-06-21 03:26 GMT

Gochar 2021 : धन, ऐश्वर्य, सुंदरता, भौतिक सुख आदि देने वाले शुक्र ग्रह 22 जून को मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में 17 जुलाई 2021 तक स्थित रहेंगे। कर्क चंद्र ग्रह की राशि है और शुक्र चंद्र ग्रह को अपना शत्रु मानता हैं इसलिए कर्क राशि में शुक्र का फल बहुत ज्यादा शुभ नहीं होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र ग्रह लगभग 23 दिनों तक एक राशि में स्थित रहते हैं। इसके बाद ये राशि परिवर्तन करते हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र मीन राशि में उच्च के होते हैं तो कन्या राशि में नीच के माने जाते हैं। उच्च शुक्र शुभ फलदायी होते हैं नीच शुक्र नकारात्मक परिणाम लेकर आते हैं। नवग्रहों में शामिल छठा ग्रह शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी माना जाता है। शुक्र एक शुभ ग्रह है यदि शुक्र कुंडली में मजबूत होता है तो जातकों को इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं जबकि कमज़ोर होने पर यह अशुभ फल देता है।

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शुक्र को 27 नक्षत्रों में से भरणी पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। ग्रहों में बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र ग्रह हैं जबकि सूर्य और चंद्रमा इसके शत्रु ग्रह माने जाते हैं। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र का पौराणिक कथाओं में प्रचलित नाम शुक्राचार्य है जिनके बाद संजीवनी विद्या थी और ये शिव के परम भक्त व महर्षि भृगु ऋषि के पुत्र हैं। सप्ताह में शुक्रवार का दिन शुक्र को समर्पित है। शुक्र के अच्छे फल के लिए महिलाओं का सम्मान करें। परशुराम की आराधना करने से भी शुक्र की कृपा प्राप्त होती है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसलिए ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख वैवाहिक सुख भोग-विलास शौहरत कला प्रतिभा सौन्दर्य रोमांस काम-वासना और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है।

कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि अमृत संजीवनी के मालिक शुक्र पृथ्वी के साथ हैं और शुक्र के पास अमृत संजीवनी है। इस कारण कोरोना महामारी संक्रमण में कमी आयेगी। कोरोना महामारी संक्रमण से होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी और कोरोना का असर न्यूनतम होगा। प्राकृतिक आपदा और अप्रिय घटनाएं जन शून्य स्थानों पर होने की संभावना अधिक है। शुक्र अमृत संजीवनी के कारण संक्रमण और दुर्घटना के शिकार लोगों को बचाने में सफल रहेंगे।

शुक्र का शुभ-अशुभ प्रभाव

कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र के राशि परिवर्तन से कोरोना महामारी से होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी और कोरोना का असर न्यूनतम होगा। भौतिक सुख और वैवाहिक सुख में वृद्धि होगी। कानूनी मामलों में वृद्धि होगी। देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा। शुक्र के राशि बदलने से खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी। सब्जियां, तिलहन और दलहन की कीमतें कम होंगी। मशीनरी समान महंगे हो सकते हैं। व्यापार में तेजी रहेगी। सोने चांदी के भाव में वृद्धि होगी। दूध से बनी चीजों का उत्पादन बढ़ सकता है। सुख-सुविधाओं की चीजों में बढ़ोत्तरी भी हो सकती है। रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी। आय में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही राजनीति में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। शुक्र के अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी होती है।

शुक्र ग्रह के उपाय

भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि लक्ष्मी माता की उपासना करें। सफेद वस्त्र दान करें। भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें। शुक्रवार का व्रत रखें और उस दिन खटाई न खाएं। चमकदार सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें। श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर के पंडित मदन शर्मा ने बताया कि श्री सूक्त का पाठ करें। शुक्रवार के दिन दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि वस्तुएं दान करें।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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