Gochar 2022: देवगुरु बृहस्पति 13 अप्रैल तक कुंभ राशि में रहेंगे, जानें इस ग्रह के प्रभाव और उपाय
Gochar 2022: गुरु बृहस्पति देव नए साल 2022 में 13 अप्रैल तक कई राशियों जातकों के लिए धनलाभ और सफलता दिलाने के योग लेकर आए हैं। गुरु यानी बृहस्पति ग्रह 20 नवंबर 2021 से 13 अप्रैल 2022 तक कुंभ राशि में रहेंगे। इस दौरान उनका असर विभिन्न राशियों के जातकों पर देखने को मिलेगा।;
Gochar 2022: गुरु बृहस्पति देव नए साल 2022 में 13 अप्रैल तक कई राशियों जातकों के लिए धनलाभ और सफलता दिलाने के योग लेकर आए हैं। गुरु यानी बृहस्पति ग्रह 20 नवंबर 2021 से 13 अप्रैल 2022 तक कुंभ राशि में रहेंगे। इस दौरान उनका असर विभिन्न राशियों के जातकों पर देखने को मिलेगा। हालांकि मेष राशि के 11वें भाव में होने के कारण मेष राशि वालों व अन्य कई राशियों के लिए लाभ कमाने की दृष्टि से यह समय वरदान साबित हो सकता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि बृहस्पति का मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करना शुभ माना जाता है। हालांकि राशियों के जातकों को इस दौरान सावधानी भी बरतनी होगी। ज्योतिष शास्त्र के सन्दर्भ में आकाशीय ग्रह परिवार प्रणाली में देवगुरु बृहस्पति एक अत्यधिक शुभ ग्रह माने जाते है । देवगुरु बृहस्पति पुनर्वसु नक्षत्र , विशाखा नक्षत्र और पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी ग्रह है। विभिन्न बारह राशियों में धनु राशि और मीन राशि पर देवगुरु बृहस्पति का शासन माना गया है और देवगुरु बृहस्पति कर्क राशि में उच्च के होते हैं।
देवगुरु बृहस्पति का विशेष गुण जातक के जीवन में सम्पूर्ण विकास, दोषहीनता और जीवन विस्तार का सूचक है। देवगुरु बृहस्पति धर्म, ज्ञान, दर्शन, घरेलू जीवन और संतान से संबंधित विषयों के संतुलन का प्रतिनिधित्व करते हैं। देवगुरु बृहस्पति का मुख्य क्षेत्र शिक्षा और ज्ञान के प्रसार से भी संबंधित होता है। जिन जातको की कुंडली में देवगुरु बृहस्पति उच्च भाव के होते है, उनके जीवन में देवगुरु बृहस्पति के आशीर्वाद से सभी प्रकार की शुभ प्रगति होती है और जातक के जीवन में सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है। देवगुरु बृहस्पति जातक की आत्मिक शक्ति ,आध्यात्मिक शक्ति और विवेक भी प्रदान करते हैं ।
असर
बृहस्पति के राशि बदलने के कारण राजनीति में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहेगा और कई राज्यों में सत्ता और संगठन में परिवर्तन की संभावना। इसके अलावा देश की राजनीति में उथल-पुथल हो सकती है। विश्व में बहुत कुछ होगा और देखने को मिलेगा। कुंभ राशि में गुरु आने से राजनीति में बड़े स्तर पर बदलाव हो सकता है। कई राज्यों में होने वाले चुनावों के नतीजे सत्तारुढ़ सरकारों के पक्ष में आने में दिक्कतें आ सकती हैं। मंहगाई घटेगी एवं करों का बोझ कम होगा। देश में रोगों की कमी होगी। जमीन, मकान सस्ते होंगे।
गुरू के उपाय
देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन ॐ भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का एक माला जाप करें। साथ ही भगवान विष्णु को संभव हो तो पीले रंग के फल का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटें। देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, बेसन के लड्डू आदि किसी योग्य ब्राह्मण को दान करें और केले के वृक्ष पर जल चढ़ाएं। इसके लिए शिवलिंग पर चने की दाल और पीले फूल चढ़ाएं। बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। गुरु ग्रह के मंत्र ऊँ बृं बृहस्पतये नमः का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। किसी गौशाला में हरी घास दान करें। प्रतिदिन भगवान श्री विष्णु की आराधना के बाद हल्दी और चंदन का तिलक करें। हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें। ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है। श्री राम भक्त संकट मोचन हनुमान जी आप सबकी रक्षा करें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)