मां दुर्गा की सवारी से तय होता है वर्षभर होने वाली घटनाओं का आंकलन, आइए जानें

देवी भागवत पुराण के अनुसार माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार साल भर होने वाली घटनाओं का भी आंकलन किया जाता है। तो आइए आप भी जाने पंडित विजयपाल शास्त्री के अनुसार शास्त्रों के आधार पर मां दुर्गा की सवारी और वर्षपर्यन्त होने वाली घटनाओं के संबंध में जरुरी बातें।;

Update: 2020-10-01 06:12 GMT

देवी भागवत पुराण के अनुसार माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार साल भर होने वाली घटनाओं का भी आंकलन किया जाता है। तो आइए आप भी जाने पंडित विजयपाल शास्त्री के अनुसार शास्त्रों के आधार पर मां दुर्गा की सवारी और वर्षपर्यन्त होने वाली घटनाओं के संबंध में जरुरी बातें।


तत्तफलम: गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे। नोकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणंधुवम्।।

अर्थात जब देवी हाथी पर सवार होकर आती है तो पानी ज्यादा बरसता है। घोड़े पर आती हैं तो पड़ोसी देशों से युद्ध की आशंका बढ़ जाती है। देवी नौका पर आती हैं तो सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और डोली पर आती हैं तो महामारी का भय बना रहता हैं।

शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता देवी।।

भागवत के इस श्लोक के अनुसार सोमवार व रविवार को प्रथम पूजा यानि कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि शुरू होने पर माता का वाहन घोड़ा होता है। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि शुरू होने पर माता डोली में बैठकर आती हैं। बुधवार से नवरात्रि शुरू होने पर माता नाव पर सवार होकर आती हैं। 

इस वर्ष मां को समर्पित नवरात्रि की शुरुआत रविवार से हो रही है। जिससे इस नवरात्रि में माता हाथी पर सवार होकर आएगी। हाथी की सवारी होने से इस बार देश में अतिवृष्टि की संभावना है। यानी अगले शारदीय नवरात्र तक बारिश ज्यादा होगी। बिना मौसम बारिश होने की भी संभावना है।  

किस दिन कौन-से वाहन पर सवार होकर जाती हैं देवी

देवी भागवत के अनुसार नवरात्रि का आखिरी दिन तय करता है कि जाते समय माता का वाहन कौन सा होगा। यानि नवरात्र के अंतिम दिन कौन सा वार है, उसी के अनुसार देवी का वाहन भी तय होता है।   

शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा। शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।। बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा। सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥  

रविवार और सोमवार को देवी भैंसा की सवारी से जाती हैं तो देश में रोग और शोक बढ़ता है। शनिवार और मंगलवार को देवी चरणायुध पर (मुर्गे पर सवार होकर) जाती हैं। जिससे दुख और कष्ट की वृद्धि होती है। बुधवार और शुक्रवार को देवी हाथी पर जाती हैं। इससे बारिश ज्यादा होती है। गुरुवार को मां भगवती मनुष्य की सवारी से जाती हैं। इससे जो सुख और शांति की वृद्धि होती है।

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