Hanuman Jayanti 2021 : हनुमान मंत्र और नाम का ऐसे करें जप, जीवन में कभी नहीं आएंगे संकट
- हिन्दू धर्म में मंत्र जप का विशेष महत्व होता है।
- सभी देवता मंत्रों के अधीन होते हैं।
- मंत्र जप करने से साधक को विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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Hanuman Jayanti 2021: हिन्दू धर्म में मंत्र जप का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि सभी देवी-देवता मंत्रों के अधीन होते हैं और मंत्र ब्राह्मण के अधीन होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यदि मंत्रों का जप नियम-आस्था और विश्वास के साथ किया जाए तो संबंधित देवी-देवता आपकी सहायता करने के लिए बाध्य हो जाते हैं और नियमित रूप से मंत्र जप करने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है। तो आइए जानते हैं हनुमान जयंती के अवसर पर आज अपनी राशि के अनुसार किस मंत्र का जप करें, जिससे आपको हनुमान जी की कृपा प्राप्त हो और आपके जीवन में खुशियों की बहार आ जाए।
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हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए राशि अनुसार मंत्र
- मेष राशि - ऊॅं सर्वदुखहराय नम:
- वृष राशि - ऊॅं कपिसेनानायक नम:
- मिथुन राशि - ऊॅं मनोजवाय नम:
- कर्क राशि - ऊॅं लक्ष्मणप्राणदात्रे नम:
- सिंह राशि - ऊॅं परशौर्य विनाशन नम:
- कन्या राशि - ऊॅं पंत्रवक्त्र नम:
- तुला राशि - ऊॅं सर्वग्रह विनाशिने नम:
- वृश्चिक राशि - ऊॅं सर्वबंधविमोक्त्रे नम:
- धनु राशि - ऊॅं चिरंजीविते नम:
- मकर राशि - ऊॅं सुरार्चिते नम:
- कुंभ राशि - ऊॅं वज्रकाय नम:
- मीन राशि - ऊॅं कामरूपिणे नम:
हनुमान जी के 12 नाम जिन्हें स्मरण करने से बन जाते हैं सभी बिगड़ें काम
- ॐ हनुमान
- ॐ अंजनी सुत
- ॐ वायु पुत्र
- ॐ महाबल
- ॐ रामेष्ठ
- ॐ फाल्गुण सखा
- ॐ पिंगाक्ष
- ॐ अमित विक्रम
- ॐ उदधिक्रमण
- ॐ सीता शोक विनाशन
- ॐ लक्ष्मण प्राण दाता
- ॐ दशग्रीव दर्पहा
चैत्र पूर्णिमा का महत्व
इस दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। इस वजह से चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। संकटों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
पूजा विधि
हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था, इसलिए हनुमान जन्मोत्सव के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करना अच्छा माना गया है। हनुमान जन्मोत्सव के दिन जातक को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। इसके बाद घर की साफ-सफाई करने के बाद गंगाजल का छिड़काव कर घर को पवित्र कर लें। स्नान आदि के बाद हनुमान मंदिर या घर पर पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान हनुमान जी को सिंदूर और चोला अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि चमेली का तेल अर्पित करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। पूजा के दौरान सभी देवी-देवताओं को जल और पंचामृत अर्पित करें। अब अबीर, गुलाल, अक्षत, फूल, धूप-दीप और भोग आदि लगाकर पूजा करें। सरसों के तेल का दीपक जलाएं। हनुमान जी को विशेष पान का बीड़ा चढ़ाएं। इसमें गुलकंद, बादाम कतरी डालें। ऐसा करने से भगवान की विशेष कृपा आपको मिलती है। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और हनुमान आरती का पाठ करें। आरती के बाद प्रसाद वितरित करें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)