Vikram Samvat 2080 Hindu Nav Varsh: अंग्रेजी कैलेंडर से पहले बना था हिंदू पंचांग, जानें कैसा होगा विक्रम संवत 2080
Vikram Samvat 2080 Hindu Nav Varsh: अग्रेंजी कैलेंडर के मुताबिक, साल की शुरुआत जनवरी महीने से होती है, लेकिन हिंदू पंचांग के मुताबिक, हिंदू नववर्ष या हिंदुओं का नया साल चैत्र मास यानी मार्च/अप्रैल महीने से शुरू होता है।;
Hindu Nav Varsh 2080: अग्रेंजी कैलेंडर के मुताबिक, साल की शुरुआत जनवरी महीने से होती है, लेकिन हिंदू पंचांग के मुताबिक, हिंदू नववर्ष या हिंदुओं का नया साल चैत्र मास यानी मार्च/अप्रैल महीने से शुरू होता है। 22 मार्च 2023 से विक्रम संवत 2080 शुरू हो रहा है। हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि पर्व की शुरूआत होती है। हिंदू नववर्ष भी इसी दिन से शुरू होता है। विक्रम संवत भी हिंदू कैलेंडर यानी हिंदू पंचांग पर लिखा गया है। क्या आप जानते हैं कि आखिर ये अंग्रेजी कैलेंडर से कैसे आगे है और कैसे इसकी शुरूआत हुई थी।
जानें कैसे हुई विक्रम संवत की शुरूआत
विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल पहले शुरू हुआ था। इसलिए आज भी यह अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे है। क्योंकि अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से अभी साल 2023 चल रहा है और इसमें अगर 57 साल आगे और जोड़ दिए जाएं तो ये 2080 बन जाएगा। इसलिए हिंदू कैलेंडर में 2023 की जगह 2080 लिखा गया है। अब अगर विक्रम संवत की बात करें तो माना जाता है कि इसकी शुरुआत राजा विक्रमादित्य ने की थी। उस समय सबसे बड़े खगोलशास्त्री वराहमिहिर थे। उन्हीं की मदद से इसे तैयार किया गया था। इसके बाद इसका प्रचार-प्रसार किया गया। यह राजा विक्रमादित्य के नाम से विक्रम और संवत का अर्थ होता है वर्ष, इसलिए इसका पूरा नाम विक्रम संवत पड़ा।
कैसा होगा विक्रम संवत 2080
पंडित दीपक चंद तिवारी ने बताया कि इस योग में विवाद और झगड़ों को सुलझाना बहुत फलदायी माना जाता है। शुभ योगों के साथ हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो रही है। साल के पहले दिन दो बेहद शुभ योग बन रहे हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 22 मार्च को है और इस दिन शुक्ल और ब्रह्म योग बन रहा है। शुक्ल योग 21 मार्च को देर रात 12:42 मिनट से 22 मार्च को सुबह 9:18 मिनट तक रहेगा। इस योग में किए गए कार्यों में अवश्य सफलता मिलती है। वहीं दूसरी तरफ ब्रह्म योग सुबह 9:18 मिनट से शाम 6:16 मिनट तक रहेगा।
हिंदू कैलेंडर में एक नए साल की शुरुआत सर्दियों के मौसम के अंत का प्रतीक है। लगभग सभी हिंदू नववर्ष समारोह शुरुआती बसंत महीनों में होते हैं। जब प्रकृति भरपूर हो जाती है और दुनिया को हरियाली का आशीर्वाद देती है। बसंत सुंदर फूल, शुरुआती पक्षी गीत, ताजा फसल लाता है। ये सभी चीजें नए साल की शुरुआत का प्रतीक हैं। हिंदू नव वर्ष दुनिया भर में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। यह हमारे जीवन में आशा, आशंका, आशा और आनंद लाता है।