परीक्षा से पहले इन मंत्रों का करें उच्चारण, आप पर बनेगी मां सरस्वती की कृपा

विद्या ग्रहण करने के दौरान माता सरस्वती की कृपा आप के ऊपर होना बहुत आवश्यक होता है। क्योंकि माता सरस्वती विद्या की देवी कहलाती हैं। इसलिए विद्यार्थी को विद्या की देवी माता सरस्वती को हमेशा प्रसन्न रखा चाहिए। और उनकी आराधना आदि करनी चाहिए। विद्यार्थी को नित्य माता सरस्वती की आरती-प्रार्थना आदि करना चाहिए। तथा माता सरस्वती के मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। तो आइए आप भी जानें माता सरस्वती को प्रसन्न करने के उपायों और मंत्र और विद्या के महत्व के बारे में जरुरी बातें।;

Update: 2020-09-18 04:22 GMT

विद्या ग्रहण करने के दौरान माता सरस्वती की कृपा आप के ऊपर होना बहुत आवश्यक होता है। क्योंकि माता सरस्वती विद्या की देवी कहलाती हैं। इसलिए विद्यार्थी को विद्या की देवी माता सरस्वती को हमेशा प्रसन्न रखा चाहिए। और उनकी आराधना आदि करनी चाहिए। विद्यार्थी को नित्य माता सरस्वती की आरती-प्रार्थना आदि करना चाहिए। तथा माता सरस्वती के मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। तो आइए आप भी जानें माता सरस्वती को प्रसन्न करने के उपायों और मंत्र और विद्या के महत्व के बारे में जरुरी बातें।

किसी भी विद्यार्थी को यह बात ज्ञात होनी चाहिए, कि हमने जीवन में जितनी भी विद्या ग्रहण की है, वह विद्या हमें जीवन में किसी ना किसी स्थान पर अवश्य काम आती है। विद्या के बिना संसार में जीना एक पशु के समान होता है। आजकल के विद्यार्थी केवल परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के हेतु से ही पढ़ाई करते हैं। ऐसे विद्यार्थी कभी भी विद्या को अपने शुद्ध अंत:करण यानि पवित्र मन से ग्रहण नहीं करते हैं। और इसी कारण से ज्यादातर समय उसे असफलता ही मिलती है। वि्द्यार्थी को विद्या ग्रहण करने के समय उसे मूल रूप से समझकर ही पढ़ना चाहिए। प्रत्येक विद्यार्थी को विद्या ग्रहण करने का स्थान, पुस्तकें आदि का सम्मान करना चाहिए। प्रत्येक विद्यार्थी को माता सरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए उनका प्रतिदिन ध्यान करना चाहिए। तथा उचित मंत्र के द्वारा उनका पूजन भी करना चाहिए।

सरस्वती मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणसंस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

जब भी आप पढ़ाई को प्रारंभ अथवा समाप्त करें तो प्रतिदिन विद्या की देवी माता सरस्वती देवी के इस मंत्र का जाप अवश्य करें।

सरस्वती देवी का मूल मंत्र

प्रतिदिन स्नान आदि नित्य क्रियाओं से निवृत होने के बाद आप माता सरस्वती के मूल मंत्र का जाप आरंभ करें। और आप मंत्र का जाप करते समय अपने सामने मां सरस्वती का यंत्र या प्रतिमा आदि स्थापित करें, यंत्र के ऊपर श्वेत चंदन, श्वेत पुष्प व अक्षत माता सरस्वती को भेंट करें। और धूप-दीप जलाकर माता सरस्वती की पूजा करें। और अपनी मनोकामना का मन में स्मरण करें। और माता सरस्वती के मूलमंत्र का एक माला जाप करें।

मंत्र

ऊँ ऐं सरस्वत्यै ऐं नम:।

सरस्वती माता का गायत्री मंत्र

ऊँ सरस्वत्ये विधमहे, ब्रह्मपुत्रयै धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात।

परीक्षा में सफलता प्राप्त करने का मंत्र

ऊँ ऐं क्लीं सौ: ह्रीं श्रीं ध्रीं

वद वद वाग् वादिनि सौ:

क्लीं ऐं श्रीसरस्वत्यै नम:।

परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का 21 बार प्रतिदिन जाप करना चाहिए।

देवी सरस्वती को हमेशा नमन करना चाहिए। ऐसा करने से मन शांत रहता है। और पढ़ाई में भी उसका मन लगा रहता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी विद्यार्थी को अपने मन से भय को निकाल देना चाहिए। क्योंकि संसार में कोई भी मनुष्य आजतक विद्या से परिपूर्ण होकर जन्मा ही नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को जन्म लेने के बाद ही विद्या की प्राप्ति होती है। इसलिए कोई भी व्यक्ति जन्म से तुच्छ अथवा उच्च नहीं होता है। अगर आप अपने मन में डर को पालकर विद्या ग्रहण करेंगे, तो आपको सफलता प्राप्त करने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है। इसलिए सबसे पहले अपने मन से भय को निकाल देना चाहिए।

विद्यार्थी के लिए महत्वपूर्ण बातें

1. अध्ययन कक्ष में कभी भी कोई कापी, किताब आदि को खुला नहीं छोड़ना चाहिए।

2. पढ़ाई की टेबल पर या पढ़ाई के स्थान पर कभी भी अन्न ग्रहण ना करें।

3. अन्न ग्रहण करने से पहले कापी-किताब को बंद करके रख दें।

4.हमेशा कापी-किताब उसके नियमित स्थान पर ही रखना चाहिए। और ध्यान रखें कि कभी भी कापी-किताब पर धूल नहीं जमा होनी चाहिए।

5. पढ़ाई करने का सर्वोत्तम समय ब्रह्ममुहूर्त होता है, इसलिए इस दौरान ही पढ़ाई करनी चाहिए। इस समय पढ़ाई करने से किसी भी प्रकार की बाधा और उत्पन्न नहीं होती है। और तेजी से विद्या आपके मस्तिक में प्रवेश कर जाती है।

6. सुबह के दौरान पढ़ाई करते वक्त कभी भी आपको जूते नहीं पहनने चाहिए।

7. जिन विद्यार्थियों को परीक्षा के समय भूलने की आदत होती है, उन्हें अपने पास कपूर या फिटकरी का टुकड़ा अवश्य रखना चाहिए। इसके प्रभाव से नकारात्मक ऊर्जा आपसे दूर रहती है। और मानसिक संतुलन बना रहता है।

8. मां सरस्वती केवल उन्हीं लोगों पर प्रसन्न होती हैं जो केवल निरंतर विद्या प्राप्ति के बारे में ही सोचते रहते हैं। 

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