Jagannath Puri Rath Yatra 2021 : जगन्नाथ रथ यात्रा कब निकाली जाएगी, जानें डेट और महत्व

  • जानें, साल 2021 में जगन्नाथ रथ यात्रा कब है।
  • जानें, जगन्नाथ रथ यात्रा का पावन महत्व
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Update: 2021-06-11 03:49 GMT

Jagannath Puri Rath Yatra 2021 : रथ यात्रा का सभी लोगों को बहुत ही बेसब्री से इंतजार रहता है। भगवान जगन्नाथ के स्मरण में निकाली जाने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा हिन्दू धर्म में बड़ा ही पावन महत्व है। पुरी उड़िसा में इस यात्रा का विशाल आयोजन हर साल किया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार पुरी रथ यात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है। साल 2020 में कोविड होने के चलते रथ यात्रा नहीं मनायी गई इसीलिए इस साल 2021 में रथ यात्रा बहुत ही अच्छे तरीके से निकाली जाएगी। मान्यता है कि इस रथ यात्रा के माध्यम से भगवान जगन्नाथ साल में एक बार प्रसिद्ध गुंडीचा माता के मंदिर जाते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा को केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में एक प्रसिद्ध त्योहार के रुप में जाना जाता है। विश्वभर के लाखों श्रद्धालु इस रथ यात्रा के साक्षी बनते हैं। रथ यात्रा से एक दिन पहले श्रद्धालुओं के द्वारा गुंडीचा मंदिर को धुलाया जाता है। इस परंपरा को गुंड़ीचा मार्जन भी कहा जाता है। जगन्नाथ का मतलब, जगत के नाथ यानी भगवान विष्णु हैं। उड़ीसा राज्य के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर भारत के चार पवित्र धामों में से एक है।

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हिन्दू मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार जगन्नाथ मंदिर के दर्शन के लिए आना चाहिए।

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा भी शामिल होते हैं। रथ यात्रा के दौरान पूरी श्रद्धा और विधि-विधान के साथ तीनों की आराधना की जाती है और तीनों के भव्य और विशाल रथों को पुरी की सड़कों पर निकाला जाता है।

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बलभद्र के रथ को तालध्वज कहा जाता है। जोकि यात्रा में सबसे आगे चलता है। तथा सुभद्रा के रथ को दर्पदलन या पदमा रथ कहा जाता है। जोकि तीनों रथों के मध्य में चलता है। जबकि भगवान जगन्नाथ के रथ को नंदीघोष या गरुड़ध्वज कहते हैं। जोकि सबसे अंत में चलता है। ये तीनों रथ 10 दिनों के लिए बाहर निकाले जाते हैं। यह पर्व लाखों श्रद्धालुओं, सैलानियों और जनमानस को अपनी ओर आकर्षित करता है।

वहीं इस साल रथ यात्रा 12 जुलाई से 2021 शुरू होगी और देवशयनी एकादशी यानी 20 जुलाई 2021 को समाप्त होगी। यात्रा के पहले दिन भगवान जगन्नाथ प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर में जाते हैं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें) 

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