Jyotish Shastra: सर्व बंधन से मुक्ति दिलाने के अचूक उपाय प्रयोग करने से आपके जीवन में हमेशा बनी रहेगी खुशहाली

Jyotish Shastra : आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य सुख की चाह में दिनभर कठिन परिश्रम करता है लेकिन उसे परिश्रम का फल नहीं मिल पाता। अगर उसे परिश्रम का फल मिलता भी है तो ना के बराबर इसका कारण जन्म कुंडली के ग्रह दोष अथवा किसी शत्रु द्वारा आपकी तरक्की में बाधा पहुचाने के लिए मैली क्रिया भी हो सकता है या कई बार हम अनजाने में कुछ ऐसा कार्य कर जाते है जिससे देवी देवता, कुलदेव अथवा वास्तु दोष लग जाता है। व्यापारी एवं कारोबारियों के समक्ष यह समस्या आजकल आम होती जा रही है प्रतिस्पर्धी अपना हित साधने के लिए किसी भी प्रकार का निम्नतर कार्य कर आपको हानि पहुचाने का प्रयास करता है।;

Update: 2021-01-28 06:38 GMT

Jyotish Shastra : आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य सुख की चाह में दिनभर कठिन परिश्रम करता है लेकिन उसे परिश्रम का फल नहीं मिल पाता। अगर उसे परिश्रम का फल मिलता भी है तो ना के बराबर इसका कारण जन्म कुंडली के ग्रह दोष अथवा किसी शत्रु द्वारा आपकी तरक्की में बाधा पहुचाने के लिए मैली क्रिया भी हो सकता है या कई बार हम अनजाने में कुछ ऐसा कार्य कर जाते है जिससे देवी देवता, कुलदेव अथवा वास्तु दोष लग जाता है। व्यापारी एवं कारोबारियों के समक्ष यह समस्या आजकल आम होती जा रही है प्रतिस्पर्धी अपना हित साधने के लिए किसी भी प्रकार का निम्नतर कार्य कर आपको हानि पहुचाने का प्रयास करता है। तो आइए जानते हैं डॉ. विजयपाल शास्त्री के अनुसार ज्योतिष के कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में जोकि आपको इन सभी बाधाओं से मुक्ति दिला सकते हैं, आप इन्हें प्रयोग में लाकर अवश्य ही अपने जीवन में लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

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1. किसी भी दुकान अथवा कारखाने का बंधन खोलने के लिए

नागफनी-कील (ये मोटी चपटी कील होती है जिसका ऊपरी हिस्सा सांप के फन जैसे मुड़ा रहता है) की आवश्यकता होती है। ऐसी 4 कील लेकर उसे देशी गाय के मूत्र में तीन दिन डुबोकर रखें और इसके पश्चात उन कीलों को निकाल लें तथा गौ मूत्र किसी वृक्ष की जड़ों में डाल दें। नागफनी की इन कीलों को किसी पीपल के वृक्ष के नीचे छोटा गड्डा खोदकर गाड़ दें सात दिन इन्हें ऐसे ही गड़ा रहने दें, इसके पश्चात उन कीलों को वापस निकाल लाये। इनमें से एक-एक कील को दुकान के चारो कौनों पर इस प्रकार गाड़ दें कि उनके फन दुकान के बाहर की तरफ हों प्रत्येक कील पर थोड़ा कुमकुम अक्षत चढ़ा दें। ऐसा करने से बंधी दुकान व्यवसाय खुल जाता है।

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2. बंधा हुआ व्यवसाय खोलने के लिए

एक जटा वाला नारियल, एक तांबे का सिक्का और एक नींबू लें। इन तीनों का कुमकुम अक्षत से पूजन कर धूप-दीप दिखाकर दुकान की दहलीज के बीच गड्डा खोदकर तीनों चीजों को एक साथ गाड़ दें यदि इस प्रकार से गाड़ा जाना संभव ना हो तो इन वस्तुओं को लाल या काले कपड़े में लपेट कर दुकान में तीन बार घुमाकर बहते जल में प्रवाहित कर दें। इस कार्य को मुख्यतः मंगल या शनिवार को ही करें शुल्क पक्ष उत्तम है।

3. नौकरी आदि के लिए

जिस व्यक्ति की नौकरी किसी बंधन के कारण नही लग पा रही हो उसे अपामार्ग, चंदन, मौलश्री, अशोक, बरगद की लटकती जड़, पीपल तथा गुलतुर्रा समेत सातों वृक्षों की जड़ को एकत्रित करना चाहिए। इस सभी जड़ों को किसी नायलोन की महीन जालीदार थैली में रख लें, इस थैली को स्नानागार में किसी खूंटी पर लटका दें रोजाना जब भी स्नान करने जाए तब इस पोटली को स्नान के जल में पांच मिनट तक पड़ा रहने दें। इसके बाद अगले दिन प्रयोग के लिए वापस सुरक्षित टांग दें तथा इस जल से स्नान करें। इस प्रकार से सप्तमूल स्नान 40 या 43 दिन लगातार करने से बंधन समाप्त होता है तथा संबंधित व्यक्ति को सुपरिणाम मिलने लगते हैं। इन जड़ों को शुभ मुहूर्त जैसे सर्वार्थसिद्धि योग अथवा अमृत सिद्धियोग या रवि-गुरु पुष्य में अपने घर लाने पर ज्यादा लाभ होता है।

4. बंधा हुआ व्यवसाय खोलने हेतु

बिछुआ नामक पौधे की जड़ का टुकड़ा, और बीज यह बीज इसके फल में पक्षी की खोपड़ी जैसे दिखता है, कोई भी तीन नदियों की मिट्टी थोड़ी मात्रा में, बरगद की जटा का टुकड़ा यह टुकड़ा जमीन पर स्पर्श कर रही जटा का हो लेकिन जमीन में धंसी ना हो, बिल्व की जड़ का टुकड़ा, सुखी लाल मिर्च के कुछ बीज, (लाल, सफेद, काली गुंजा) के दो-दो बीज लेकर इन वस्तुओं को किसी कोरे वस्त्र में सुरक्षित बांध कर उस पोटली को दोबारा एक लाल कपड़े में सतरंगी धागे की सहायता से बांधकर दुकान के मुख्य द्वार में अंदर की तरफ लटका दें इसके प्रभाव से बंधन खुल जाता है। इस पोटली को दैनिक पूजा के समय धूप दीप अवश्य दिखा दें।

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