Jyotish Shastra: चिंता, कष्ट, बीमारी से छुटकारा पाने के लिए करें ये उपाय, जानें पूरी विधि

  • जानें, मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी के दिन क्या करें
  • जानें, कैसे लगाएं सूर्यदेव को भोग
  • जानें, मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी के दिन सूर्य पूजा की विधि
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Update: 2021-12-09 04:35 GMT

Jyotish Shastra: ज्योतिष शास्त्र में चिंता, कष्ट, बीमारी आदि की निवृति के लिए अनेक उपाय बताए गए हैं। वहीं अगर किसी भी उपाय को सही समय और सही नियम से किया जाए तो वह शीघ्र ही चमत्कारी प्रभाव दिखाते हैं। वहीं अगर आप लोगों के घर में चिंता, कष्ट और बीमारी ने डेरा जमा लिया है तो आप कुछ उपायों को करके आप अपने जीवन से इन सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी के दिन चिंता, कष्ट, बीमारी आदि से छुटकारा पाने के उपायों के बारे में...

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भविष्य पुराण के मुताबिक मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि यानि 10 दिसंबर 2021, दिन शुक्रवार के दिन सुबह भगवान सूर्य को तिल के तेल का दीपक दिखाये और अर्घ्य दें। तथा अपने मन में 'हे सूर्य भगवान आप मेरा अर्घ्य स्वीकार करें। मेरा ये प्रणाम स्वीकार करें' ऐसा स्मरण करते रहें। मान्यता है कि मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी का यह उपाय अचूक है और शीघ्र ही फलदायी है। ऐसा करने से व्यक्ति को सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है और चिंता, कष्ट और सभी रोगों से छुटकारा मिलता है। साथ ही आपके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी के दिन सूर्य भगवान को अर्घ्य के लोटे में चावल, तिल, कुम-कुम, केसर जरुर डालकर अर्घ्य दें। अगर आपके पास केसर संभव न हो तो कुमकुम अर्घ्य के जल में डाल दें और अर्घ्य दें देने से पहले तिल के तेल का दीया भगवान सूर्य को दिखाकर उनकी आरती और विधि विधान से उनका वंदन करें।

वहीं उज्जैन के अवंतिका तीर्थ पुरोहित पंडित शिवम जोशी ने बताया कि, मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी के दिन घर में शुद्ध और सात्विक भोजन बनाएं और सबसे पहले पहले दही-चावल और भोजन की सभी सामग्री एक थाली में लेकर सूर्य भगवान को भोग लगाये और प्रार्थना करें कि हे सूर्यदेव हमारे घर में आपके निमित्त ये प्रसाद तैयार किया है, ये नैवेद्य आप स्वीकार करें और हमारे घर में सब प्रकार से आनंद छाया रहे, सब निरोग रहें, दीर्घायु बने। ऐसा करके उनको भोग लगा दें और उसके बाद थोड़ा सा प्रसाद छत पर रख दें। तथा उसके बाद ही परिवार के सभी लोग उस थाली के प्रसाद को श्रद्धापूर्वक सूर्य भगवान का प्रसाद मानकर ग्रहण करें। ऐसा करने से सूर्यदेव की कृपा आपको और आपके परिवार के सभी लोगों को प्राप्त होगी और आपके जीवन से चिंता, कष्ट, रोग और परेशानियों का नाश हो जाएगा।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें) 

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