Kaal Bhairav Jayanti 2022 : काल भैरव जयंती पर करें ये एक उपाय, बन जाएंगे आपके बिगड़े काम
Kaal Bhairav Jayanti 2022 : बाबा काल भैरव का जन्म मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को माना जाता है। कहा जाता है कि, मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही काल भैरव महादेव के तेज से प्रकट हुए। पौराणिक ग्रंथों की मानें तो मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन काल भैरव की पूजा करने से और उनके उपाय करने से कष्टों का नाश होता है।;
Kaal Bhairav Jayanti 2022 : बाबा काल भैरव का जन्म मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को माना जाता है। कहा जाता है कि, मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही काल भैरव महादेव के तेज से प्रकट हुए। पौराणिक ग्रंथों की मानें तो मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन काल भैरव की पूजा करने से और उनके उपाय करने से कष्टों का नाश होता है। तो आइए जानते हैं काल भैरव जयंती के दिन क्या उपाय करना शुभ रहता है।
काल भैरव जयंती शुभ मुहूर्त 2022
काल भैरव जयंती तिथि | उदयातिथि के आधार पर काल भैरव जयंती 16 नवंबर 2022, दिन बुधवार को मनायी जाएगी। |
अष्टमी तिथि प्रारंभ | 16 नवंबर 2022, सुबह 05:49 बजे |
अष्टमी तिथि समाप्त | 17 नवंबर 2022, सुबह 07:57 बजे |
सूर्योदय टाइम | सुबह 06:44 बजे |
सुबह की पूजा का मुहूर्त | सुबह 06:44 बजे से लेकर सुबह 09:25 बजे तक |
संध्या पूजा का मुहूर्त | संध्या पूजा शाम 04:07 बजे से शाम 05:27 बजे तक |
रात्रि पूजा का मुहूर्त | रात्रि 07:07 बजे से रात्रि 10:26 बजे तक |
निशिता काल पूजा का मुहूर्त | रात्रि 11:40 बजे से लेकर रात्रि 12:33 बजे तक |
काल भैरव जयंती के उपाय
काल भैरव जयंती के दिन उनकी पूजा करने के बाद गरीबों और जरुरतमंद लोगों को ऊनी या गर्म कपड़े दान करने चाहिए। ऐसा करने से काल भैरव अति प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामना पूरी करते हैं।
वहीं हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव जयंती के दिन कुत्ते को भोजन कराने से भी शारीरिक और मानसिक व्याधियों का नाश होता है। वहीं मान्यता है कि, काल भैरव जयंती के दिन काले कुत्ते को इमरती या जलेबी खिलानी चाहिए।
वहीं काल भैरव जयंती के दिन काले उड़द की दाल के पकवान बनाकर काले कुत्ते को खिलाने से भी मनोकामना पूरी होती हैं और रूके हुए काम बनने लगते हैं।
कहा जाता है कि, बाबा काल भैरव को प्रसन्न कर लेने से महादेव की कृपा प्राप्त हो जाती है और शिव आराधना का फल मिलता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)