Kaal Bhairava Jayanti 2022 : काल भैरव इस मंत्र के जाप से होते हैं प्रसन्न, भक्तों को कर देते हैं भयमुक्त

Kaal Bhairava Jayanti 2022 : भगवान काल भैरव देवादिदेव महादेव का ही प्रचंड स्वरूप है। कहा जाता है कि, सृष्टि के प्रारंभ में भगवान ब्रह्मदेव के पांच शीश हुआ करते थे। एक बार महादेव को ब्रह्मा जी ने कुछ अपशब्द बोल दिए, जिन्हें सुनकर महादेव तो कुछ नहीं बोले, लेकिन काल भैरव ने ब्रह्मा जी का पांचवां सिर काट लिया।;

Update: 2022-11-14 01:51 GMT

Kaal Bhairava Jayanti 2022 : भगवान काल भैरव देवादिदेव महादेव का ही प्रचंड स्वरूप है। कहा जाता है कि, सृष्टि के प्रारंभ में भगवान ब्रह्मदेव के पांच शीश हुआ करते थे। एक बार महादेव को ब्रह्मा जी ने कुछ अपशब्द बोल दिए, जिन्हें सुनकर महादेव तो कुछ नहीं बोले, लेकिन काल भैरव ने ब्रह्मा जी का पांचवां सिर काट लिया। वहीं इन्हें दंडनायक भी कहा जाता है।

काल भैरव भगवान महादेव का अत्यंत ही रौद्र भयाक्रांत वीभत्स विकराल प्रचंड स्वरूप है। काल भैरव जयंती के दिन किसी भी शिव मंदिर में जाकर काल भैरव जी के मंत्रों का जप करने से भीषण से भीषण कष्टों का नाश होने के साथ मरनासन्न व्यक्ति को भैरव बाबा की कृपा से जीवन दान मिल जाता है।

काल भैरव सिद्ध मंत्र

ॐ कालभैरवाय नम:।

ॐ भयहरणं च भैरव।

ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्।

ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं।

ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:।

भयमुक्त कर देते हैं भगवान काल भैरव

भगवान कालभैरव की भक्ति करने से व्रती भय मुक्त हो जाता है। इनकी कृपा से ग्रह बाधा, शत्रु बाधा आदि दूर हो जाती है। भगवान काल भैरव अच्छे कार्य करने वालों लोगों के लिए कल्याणकारी और शुभ फलदायी सिद्ध होते हैं और गलत और अनैतिक कार्य करते हैं उनके लिए ये दंडनायक हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो भी भगवान भैरव के भक्तों का अहित करता है उसे तीनों लोक में कहीं भी शरण प्राप्त नहीं होती है। बाबा काल भैरव के दंड से वह मानव हो या असुर कभी बच नहीं सकता है और तीनों लोकों में कोई भी देवी-देवता उसकी रक्षा नहीं कर सकता है। 

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें) 

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