Kartik Purnima 2021: कार्तिक पूर्णिमा कब है, जानें सहीं तिथि, शुभ मुहूर्त, उपाय और इस दिन स्नान का महत्व

Kartik Purnima 2021: धर्मशास्त्रों की मानें तो हिन्दू धर्म में जितना महत्व कार्तिक अमावस्या का है उतना ही अधिक महत्व कार्तिक पूर्णिमा का भी है। इसे त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार 19 नवंबर 2021, दिन शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा पड़ रही है। धर्मशास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व बताया गया है।;

Update: 2021-11-15 07:18 GMT

Kartik Purnima 2021: धर्मशास्त्रों की मानें तो हिन्दू धर्म में जितना महत्व कार्तिक अमावस्या का है उतना ही अधिक महत्व कार्तिक पूर्णिमा का भी है। इसे त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार 19 नवंबर 2021, दिन शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा पड़ रही है। धर्मशास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व बताया गया है। वहीं कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरुनानक जयंती भी रहेगी। इसी वजह से इस दिन का महत्व और भी अधिक हो जाएगा। कार्तिक माह भगवान विष्णु जी का प्रिय माह है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन देव दिवाली भी मनायी जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के बाद दान करने की भी परंपरा होती है। और इस दिन दान अवश्य करना चाहिए। तो आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा व्रत तिथि और उपाय के बारे में।

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कार्तिक पूर्णिमा 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त

कार्तिक पूर्णिमा व्रत तिथि 

19 नवंबर 2021, दिन शुक्रवार

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 

18 नवंबर सुबह 12:00 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त 

19 नवंबर 2021, दोपहर 02:26 बजे

गंगा स्नान की तिथि

19 नवंबर 2021, दिन शुक्रवार को गंगा स्नान किया जाएगा।

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कार्तिक पूर्णिमा (देव दिवाली) का उपाय

शास्त्रों के अनुसार इस दिन ब्रह्मा जी ने ब्रह्मसरोवर पुष्कर में अवतार लिया था। वहीं कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों लोग ब्रह्मा की नगरी पुष्कर में स्थित ब्रह्मसरोवर में आस्था की डूबकी लगाते हैं और पुण्य लाभ अर्जित करते हैं। तथा ये लोग स्नान के पश्चात ब्रह्मा जी के मंदिर में दीपदान करके देव कृपा प्राप्त करने के उपाय भी करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा देवी-देवताओं के लिए उत्सव का दिन माना जाता है। इसलिए इस दिन देवी-देवताओं को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन आप लक्ष्मी जी, विष्णु जी और तुलसी पूजा करें और इस दिन भगवान श्री सत्यनारायण स्वामी की कथा जरुर सुनें। कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी अथवा सरोवर में स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।

इस दिन चंद्रोदय के बाद चांद को अर्घ्य देकर व्रत संपन्न किया जाता है। क्योंकि इस दिन देव दीपावली मनायी जाती है। इसलिए शाम के समय घर के सभी कोनों में दीपदान करके भगवान का आशीर्वाद अवश्य लें।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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