Karva Chauth : करवा चौथ व्रत में ये काम करने से लगता है बड़ा पाप, जानिए सच्चाई

Karva Chauth : करवा चौथ (Karva Chauth) का पर्व पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी सुहागिन स्त्रियां सजधज कर पूरे हर्षोल्लास के साथ करवा चौथ का पर्व (Karva Chauth Festival) मनाती हैं।;

Update: 2021-10-20 01:14 GMT

Karva Chauth : करवा चौथ (Karva Chauth) का पर्व पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी सुहागिन स्त्रियां सजधज कर पूरे हर्षोल्लास के साथ करवा चौथ का पर्व (Karva Chauth Festival) मनाती हैं। और पूरे दिन निराहार रहती हैं। रात को चांद निकलने पर उसे अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूर्ण करती हैं। क्योंकि इस व्रत में निराहार रहा जाता है तो रात्रि में भोजन करने के बाद ये व्रत पूर्ण हो जाता है। करवा चौथ व्रत (Karva Chauth Vrat) से जुड़ी अनेकों कथाएं और कहानियां हिन्दू धर्म (Hindu dhram) में प्रचलित हैं। जिसके अनुसार सभी स्त्रियां इस व्रत के नियमों (Karva Chauth Ke Niyam) का पालन इस दिन करती हैं। लेकिन व्रत के दौरान संभोग यानि कि शारीरिक संबंध बनाने को लेकर व्रत के दौरान लोगों में काफी भ्रांतियां रहती है। और कई बार स्त्रियां उस समय असमंजस में पड़ जाती हैं जब उनके पति उन्हें इस व्रत के दौरान शारीरिक संबंध (संभोग) बनाने के लिए दवाब बनाते हैं। या कई बार कहा जाता है कि बिना शारीरिक संबंध बनाए इस करवा चौथ (Karva Chauth) के व्रत को पूर्ण नहीं माना जाता है। तो आइए जानते हैं कि करवा चौथ व्रत के दौरान लोगों को शारीरिक संबंध (संभोग) बनाने चाहिए या नहीं बनाने चाहिए।

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हिन्दू धर्म में संभोग (शारीरिक संबंध) करना या सेक्स करने को पवित्रता से जोड़ा गया है तो इसलिउ व्रत चाहें कोई भी हो उसमें पवित्रता होना जरुरी है और ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करना चाहिए। क्योंकि करवा चौथ का व्रत भी दूसरे ही व्रतों की तरह ही होता है, इसलिए इस व्रत के दौरान भी हम लोग सात्विकता और पवित्रता का पूरा ध्यान रखते हैं। और ये व्रत भगवान गणपति को समर्पित होता है और हमें पूरे दिन निराहार रहकर इस दिन भगवान गणेश को याद करना चाहिए। और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करनी चाहिए। तो हिन्दू धर्म में किसी भी धार्मिक कार्य में अथवा किसी भी व्रत में शारीरिक संबंध बनाना अथवा संभोग करना वर्जित माना गया है। इसलिए जो नियम अन्य व्रत और उपवास में लागू होते हैं वहीं नियम करवा चौथ व्रत में भी लागू होते हैं।

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ज्योतिषाचार्यों  की मानें तो करवा चौथ व्रत में शारीरिक संबंध बनाना या संभोग करना मतलब पाप का भागीदार बनना ही है। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका व्रत भंग होता है। क्योंकि रात्रि के दौरान 12 बजे के बाद दूसरा दिन प्रारंभ हो जाता है इसलिए अगर आप चाहते हैं और आप दोनों का यानि पति-पत्नी का मन संभोग के लिए कर रहा है तो आप रात्रि 12 बजे के बाद शारीरिक संबंध यानि संभोग कर सकते हैं।

हिन्दू धर्म ही नहीं बल्कि दूसरे अन्य धर्मों में भी व्रत-उपवास के दौरान शारीरिक संबंध बनाना वर्जित माना गया है। वहीं इस्लाम धर्म में भी रोजे के दौरान शारीरिक संबंध और संभोग करने को वर्जित माना गया है।

वहीं इस्लाम धर्म के अनुसार कुरान में कहा गया है कि अगर आप रोजा रख रहे हैं (क्योंकि रोजा दिन में रखा जाता है) तो आप रात में संभोग कर सकते हैं। इसी तरह से बौद्ध धर्म में भी व्रत के दौरान संभोग करने पर पूरी तरह से पाबंदी है और ईसाई धर्म ही एक मात्र ऐसा धर्म है जिसमें कभी भी शारीरिक संबंध बनाने को गलत नहीं माना जाता है। चाहें क्रिसमस हो या उनका कोई अन्य त्योहार हो इस धर्म में शारीरिक संबंध बनाने पर कभी भी कोई भी पाबंदी नहीं है।

यहूदी धर्म में भी व्रत के दौरान संभोग को वर्जित माना गया है तो इस प्रकार से केवल ईसाई धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जो संभोग को कभी भी वर्जित नहीं मानता। वहीं करवा चौथ व्रत और हिन्दू धर्म में पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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