karwa chauth 2020: खास करवा चौथ व्रत के दिन चंद्र दर्शन और पति पूजन के बाद करें ये काम, मिलेगा विशेष लाभ

karwa chauth 2020: करवा चौथ के दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखने वाली सुहागिनें शाम को 05:29 बजे से शाम 06:48 बजे तक चौथ माता का पूजन करेंगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चतुर्थी तिथि 04 नवंबर 2020 को सुबह 04:24 बजे प्रारंभ होगी और अगले दिन यानि 05 नवंबर 2020 को सुबह 06:14 बजे समाप्त होगी। और चांद का दीदार रात को 08:16 बजे होगा।;

Update: 2020-10-27 09:24 GMT

karwa chauth 2020: करवा चौथ के दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखने वाली सुहागिनें शाम को 05:29 बजे से शाम 06:48 बजे तक चौथ माता का पूजन करेंगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चतुर्थी तिथि 04 नवंबर 2020 को सुबह 04:24 बजे प्रारंभ होगी और अगले दिन यानि 05 नवंबर 2020 को सुबह 06:14 बजे समाप्त होगी। और चांद का दीदार रात को 08:16 बजे होगा।


बता दें कि करवा चौथ पर विधिविधान से पूजा करने से लाभ मिलता है। साथ ही व्रती महिलाए लाल वस्त्र पहनकर शाम को करवा चौथ व्रत की कथा सुनने से उन्हें अमर सुहाग का वरदान प्राप्त होता है। इसके बाद भगवान श्रीगणेश, शिव शंकर, मां गौरी की पूजा करें। साथ ही भगवान गणेश को लड्डू का भोग लगाकर पुष्प अर्पित करें। चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा करें।

व्रत खोलने के बाद पति और घर के बड़े लोगों का आशीर्वाद लें। ये बात जरुर ध्यान रखें कि पूजा की थाली में छलनी, आटे का दीया, फल, ड्राईफ्रूट, मिठाई और दो पानी के लोटे होने चाहिए। एक लोटे से चंद्रमा को अर्घ्य दें और दूसरे लोटे के पानी से व्रत खोलें।

ध्यान रखें कि पूजा की थाली में माचिस गलती से भी ना रखें। जिस सुहागिन चुनरी को ओढकर आपने कथा सुनी थी उसी सुहाग की चुनरी को ओढकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। छलनी में दीया रखकर चंद्रमा को उसमें से देखें। और उसी छलनी से तुरन्त अपने पति का दर्शन करें। पू

जा के बाद चांद को देखकर पहले आप अपने पति को पानी पिलाएं। इसके बाद पति के हाथ से पानी पिएं। और मिठाई से अपना व्रत खोलें। इसके बाद आप बायना, खाना और कपड़े अपने बड़ों को दें। और उसके बाद में खाना खाएं।

करवा चौथ के दिन लहसून-प्याज और तामसिक भोजन ग्रहण ना करें।

करवा चौथ के दिन गर्भवती महिलाओं को भी व्रत रखने से बचना चाहिए। यदि कोई गर्भवती महिला व्रत रखती है तो थोड़े-थोड़े अंतराल में पानी पीती रहें।

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