karwa chauth 2020: जानिए करवा चौथ के दिन क्या खरीदना होता है अशुभ
karwa chauth 2020: हमारे देश में प्रतिवर्ष करवा चौथ क्रेज बहुत अधिक रहता है। और अब करवा चौथ का त्योहार आने ही वाला है। इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 04 नवंबर 2020 को रखा जाएगा। ऐसे में महिलाओं ने करवा चौथ के इस त्योहार को यादगार बनाने के लिए शॉपिंग करनी भी शुरू कर दी है। लेकिन कुछ महिलाओं को यह नहीं पता होता है कि करवा चौथ पर क्या खरीदना शुभ माना जाता है और क्या खरीदना अशुभ माना जाता है। तो आइए आप भी जानें कि करवा चौथ के त्योहार पर भूल से भी क्या नहीं खरीदें।;
karwa chauth 2020: हमारे देश में प्रतिवर्ष करवा चौथ क्रेज बहुत अधिक रहता है। और अब करवा चौथ का त्योहार आने ही वाला है। इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 04 नवंबर 2020 को रखा जाएगा। ऐसे में महिलाओं ने करवा चौथ के इस त्योहार को यादगार बनाने के लिए शॉपिंग करनी भी शुरू कर दी है। लेकिन कुछ महिलाओं को यह नहीं पता होता है कि करवा चौथ पर क्या खरीदना शुभ माना जाता है और क्या खरीदना अशुभ माना जाता है। तो आइए आप भी जानें कि करवा चौथ के त्योहार पर भूल से भी क्या नहीं खरीदें।
1. सफेद और काला कपड़ा
करवा चौथ पर सफेद और काला कपड़ा ना तो खरीदें और ना ही करवा चौथ के दिन महिलाएं सफेद और काला कपड़ा पहनें। ऐसा करने से आपके रिश्तों में दरार आएंगी।
2.धारदार वस्तुएं
करवा चौथ खुशी का त्योहार माना जाता है। इसलिए करवा चौथ के दिन धारदार वस्तुएं जैसे चाकू, छूरी, कैंची जैसी वस्तुएं कतई भी ना खरीदें। ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच झगड़ों को जन्म देता है।
3. टूटी हुई छलनी अथवा करवा
करवा चौथ पर टूटी हुई छलनी और चटका हुआ करवा बिलकुल भी ना खरीदें। ऐसा करने पर आपका व्रत खंडित हो सकता है। ऐसे में आपको बहुत ही अधिक अशुभ परिणाम मिल सकते हैं। आप ऐसा करने से बचें।
4. सीखें
करवा चौथ के दिन इस्तेमाल होने वाली सीखें अथवा तिलियां खंडित नहीं होनी चाहिए। उनकी डंडियां टूटी हुई बिलकुल भी ना हों। अगर आपकी तिलियां टूटी हुई हैं तो आप इन्हें इस्तेमाल ना करें। और दूसरी तिलियां बाजार से खरीद लें।
5. मुहूर्त के अनुसार करें पूजन
सबसे पहले मुहूर्त के अनुसार पूजा-पाठ करें। बगैर मुहूर्त के अनुसार पूजा-पाठ ना करें। क्योंकि ऐसा करने पर च्रत का फल प्राप्त नहीं होगा। क्योंकि सबसे पहले यह व्रत देवी मां पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। और इसी व्रत के कारण मां पार्वती को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हुई थी।