जानिए करवा चौथ का व्रत इन महिलाओं के लिए है निषेध

Karva Chauth vrat 2020: करवा चौथ का पर्व आने ही वाला है। इस पवित्र त्योहार करवा चौथ पर विवाहित महिलाएं अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। करवा चौथ का व्रत ना केवल पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है बल्कि करवा चौथ का त्योहार प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।;

Update: 2020-09-20 08:39 GMT

Karva Chauth vrat 2020: करवा चौथ का पर्व आने ही वाला है। इस पवित्र त्योहार करवा चौथ पर विवाहित महिलाएं अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। करवा चौथ का व्रत ना केवल पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है बल्कि करवा चौथ का त्योहार प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है। करवा चौथ का त्योहार मनाने के लिए महिलाएं पहले से ही तैयारियां करना शुरू कर देती हैं। करवा चौथ का व्रत बहुत ही लग्न और समझदारी से रखना आवश्यक होता है। इस दौरान महिलाओं की एक गलती पूरे व्रत को भंग कर सकती है। शास्त्रों में इस बात को पूरा प्रावधान है कि व्रत के टूटने पर पति-पत्नी के रिश्तों में ग्रहण लग सकता है। ऐसे में कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिन्हें करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए। तो आइए आप भी जानें कौन सी महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए।

1.पति से दूरियां

पति-पत्नी में मध्य अगर काफी समय से लड़ाई-झगड़े हो रहे हैं और बात तलाक तक पहुंच गई है तो ऐसे समय में आप करवा चौथ का व्रत ना रखें। लंबे समय से पति से दूरियां और आपस में नफरत पैदा होना, करवा चौथ का व्रत रखने पर आपको पाप का भागीदार तो बनाती ही है, साथ ही आपके द्वारा किया गया व्रत भी खंडित हो जाता है। इसलिए पहले अपने आपसी झगड़ों और मतभेदों को सुधारें। और उसके बाद फिर करवा चौथ के व्रत का पालन करें। क्योंकि करवा चौथ का पर्व नफरत का नहीं प्रेम और सौन्दर्य तथा समर्पण का पर्व है।

2. मन में गलत भावना

करवा चौथ का व्रत ऐसे जोड़े कभी ना रखें, अगर आपके मन में अपने प्रेमी का ख्याल ना आकर किसी गैर मर्द अथवा किसी गैर औरत का ख्याल आता है तो यह आपके चरित्र के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। असल में ऐसे लोग पाप के भागीदार हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि एक अच्छा जीवनसाथी वही होता है जिसका मन इन बातों से पवित्र हो, और अपने प्रेमी से ही वह प्यार करें। हमेशा इस बात का ध्यान रहे कि सच्चे प्रेमी जोड़े स्वर्ग में मिलते हैं। और हमेशा हर जन्म में साथ रहते हैं। और यहीं विधि का विधान भी है।

3. गर्भवती महिला

करवा चौथ के व्रत का पालन करना गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ही मुश्किल भरा समय हो जाता है। इस समय गर्भवती महिला को काफी दिक्कतों का समाना करना पड़ता है। शास्त्रों में ऐसा बिलकुल भी नहीं लिखा है कि कोई भी गर्भवती महिला करवा चौथ का व्रत नहीं रख सकती। लेकिन अगर आपके अंदर कमजोरी ज्यादा है या आप इस व्रत का पालन ऐसे समय में नहीं कर सकती तो आप करवा चौथ का व्रत ना रखें। क्योंकि ऐसे समय में व्रत रखना असुरक्षित हो सकता है। इसलिए व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर लेनी चाहिए। क्योंकि आपके बच्चे को कुछ भी हो सकता है।

4. सात फेरे

शास्त्रों में बिलकुल साफ-साफ बताया गया है कि कई नियम ऐसे हैं, जहां पति-पत्नी का शामिल होना आवश्यक होता है। और जोकि सात फेरे लिए बगैर कुछ काम हो ही नहीं सकता है। उसमें करवा चौथ का त्योहार मुख्य रूप से शामिल है। आपको बता दें कि दो पति-पत्नी सात फेरे लिए बगैर एक साथ रह रहे होते हैं तो शास्त्रों की दृष्टि में उसे अशुभ माना जाता है। ऐसे रिश्ते करवा चौथ का व्रत रखने में बिलकुल भी सक्षम नहीं होते हैं। बल्कि ऐसे रिश्ते अशुभ होने के साथ ही कलंकित भी माने जाते हैं। वहीं अगर कुंवारी लड़कियां करवा चौथ का व्रत रखती हैं और शादी से पहले अंतरंग संबंध ना बनाएं तो करवा चौथ का व्रत रखा जा सकता है।

मान्यता है कि सबसे पहले करवा चौथ का व्रत शक्तिस्वरूपा माता पार्वती ने भोलेनाथ के लिए रखा था। इसी करवा चौथ के व्रत से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हुई थी।    

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