रोटी कैसी और कितनी मात्रा में खाना चाहिए, आप भी जानें
धर्म शास्त्रों के अनुसार कहा जाता हैं कि घर की रोटी खाने से व्यक्ति के शरीर को जो ताकत मिलती है, वह ताकत बाहर के खाने से कभी नहीं मिल सकती है। घर का खाना बाजार के खाने से कहीं ज्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। हालांकि आज के समय में कई लोग इन बातों को ना मानकर घर में बने भोजन की बजाय बाजार का खाना अधिक पसंद करते हैं। लेकिन आपको घर का बना भोजन ही करना चाहिए। तो आइए आप भी जानें कि व्यक्ति को कैसी और कितनी संख्या में रोटी खानी चाहिए।;
धर्म शास्त्रों के अनुसार कहा जाता हैं कि घर की रोटी खाने से व्यक्ति के शरीर को जो ताकत मिलती है, वह ताकत बाहर के खाने से कभी नहीं मिल सकती है। घर का खाना बाजार के खाने से कहीं ज्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। हालांकि आज के समय में कई लोग इन बातों को ना मानकर घर में बने भोजन की बजाय बाजार का खाना अधिक पसंद करते हैं। लेकिन आपको घर का बना भोजन ही करना चाहिए। तो आइए आप भी जानें कि व्यक्ति को कैसी और कितनी संख्या में रोटी खानी चाहिए।
1. खाने की थाली में तीन रोटियां कभी मत परोसना। क्योंकि तीन तिगाड़ा और काम बिगाड़ा। वैसे आपने अकसर देखा होगा कि आमतौर पर खाना खाते समय कई बार हम अपनी थाली में एक साथ दो या तीन रोटियां रख लेते हैं। परन्तु थाली में एक साथ तीन रोटियां रखना अशुभ माना जाता है। गलती से भी आप किसी की थाली में एक साथ तीन रोटियां कभी नहीं रखनी चाहिए। हालांकि अगर कभी किसी को तीन रोटी देने की जरुरत भी पड़े तो आप तीसरी रोटी को दो टुकड़ों में बांट दें। ऐसा करने से रोटियों की संख्या भी बट जाएगी। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार संख्या तीन को काफी अशुभ माना जाता है। यही वजह है कि कोई भी शुभ काम करते समय इस संख्या का खास ध्यान रखा जाता है। किसी भी शुभ अथवा धार्मिक कार्य को करते हुए तीन वस्तुओं को एक साथ शामिल नहीं किया जाता है। ऐसे में खाना परोसते समय भी इस नियम का पालन करना जरुरी है। इसके अलावा ऐसा माना जाता है कि तीन रोटी किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी त्रयोदशी संस्कार से पहले निकाले जाने वाले भोजन में ली जाती हैं। ऐसे में इसे भोजन निकालने वाले के अलावा कोई और नहीं लेता है। यही कारण है कि किसी व्यक्ति की थाली में तीन रोटियां परोसना मृतक के त्रयोदशी संस्कार के भोजन के समान माना जाता है। इसके साथ ही तीन रोटियां खाने से व्यक्ति के मन में शत्रुता का भाव भी उत्पन्न होता है। और इसके पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी हैं।
अगर किसी खास विशेषताओं की मानें तो किसी भी व्यक्ति की थाली में दो रोटियां, एक कटोरी दाल, पचास ग्राम चावल और एक कटोरी सब्जी ही अनिवार्य होती है। यानि इसे ही एक व्यक्ति के लिए संतुलित आहार माना जाता है। इससे व्यक्ति को काफी मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है।
वहीं खाने के साथ कई तरह की अन्य चीजें जो हम खाते हैं उनसे भी हमारे शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं। ऐसे में अगर आप इससे अधिक मात्रा में भोजन खाएं तो आपके शरीर को हानि हो सकती है। और यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि भूख लगने पर खाने को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ही खाना चाहिए। ना कि एक ही बार में अधिक भोजन खाना चाहिए। यदि घर में और वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो हर प्रकार से तीन रोटियां खाना संतुलित नहीं माना जा सकता है।
2. बासी रोटी कभी ना खाएं। डॉक्टरों की मानें तो लंबे समय से रखी हुई रोटी कभी नहीं खानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि खाने से कई बार लोगों की मृत्यु भी हो जाती है। लेकिन अगर आप फिर भी बासी रोटी खाते हैं तो पहले उस रोटी की स्थिति चेक कर लें कि वह खाने लायक भी है अथवा खाने लायक नहीं है। चेक करते समय रोटी में से अगर रेसे निकल रहे हैं तो वह रोटी पूरी तरह से जहर बन चुकी है। ऐसी रोटी खाने पर आपकी जान भी जा सकती है। वैसे तो बासी रोटी खाई जा सकती है पर बिना जांच परख के कभी भी बासी रोटी मत खाना।