Kumbh Mela 2021: 200 साल बाद हरिद्वार महाकुंभ में उतरेगा एक नया अखाड़ा, इतिहास के पन्नों में होगा दर्ज

Kumbh Mela 2021: लोखों करोड़ों लोगों की तादाद में लोग महाकुंभ मेले में शिरकत करने पहुंचते हैं। सनातन धर्म में कुंभ मेले का विशेष महत्व है। तो आइए जानते हैं कि क्यों खास होने वाला है इस सदी का दूसरा महाकुंभ। और हरिद्वार कुंभ मेला कैसे पिछले 200 सालों से अलग है। और साथ ही आप जानेंगे महाकुंभ में होने वाले शाही स्नान और इस बार शुरू होने जा रहे किन्नर अखाड़े के बारे में।;

Update: 2021-01-18 08:41 GMT

Kumbh Mela 2021: कुंभ को मोक्ष प्राप्ति का महापर्व माना जाता है। हरिद्वार में इस सदी के दूसरे महाकुंभ की तैयारियां बड़ी ही तेजी से चल रही हैं। और वहीं इस बार का कुंभ काफी खास होने जा रहा है। क्योंकि इस बार इस कुंभ में एक नया अखाड़ा पेशवाई करने जा रहा है। और वहीं इस अखाड़े के नाम से जाना जाता है। कोर्ट में लंबी लड़ाई के बाद अपनी जंग जीतकर समानता का अधिकार पाने वाले किन्नर धर्म की लड़ाई में भी अपनी एक विशेष पहचान बनाने जा रहे हैं।

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साल 2015 में महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी द्वारा किन्नर अखाड़े की स्थापना की गई। जिसके बाद 2019 में प्रयागराज अर्द्धकुंभ में ये अखाड़ा अपनी एक विशेष पहचान बनाने में सफल रहा था। वैसे अभी तक इस अखाड़े को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से मान्यता नहीं मिली है। वहीं इसके लिए किन्नर अखाड़ा लगातार अखाड़ा परिषद से मांग भी कर रहा है।


किन्नर अखाड़े के रुप में कुंभ में 200 साल बाद एक नया अखाड़ा जुड़ा है। और वहीं ये एक ऐतिहासिक घटना भी है। क्योंकि इससे ना सिर्फ कुंभ में स्नान के कार्यक्रम को बदला है, बल्कि इसके जरिए ट्रांसजेंडर समुदाय को धार्मिक मान्यता भी मिली है।

हरिद्वार पहुंचने पर किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को जिलाधिकारी  ने शॉल उड़ाकर सम्मानित किया है। वहीं किन्नर अखाड़े ने डीएम से अन्य अखाड़ों के समान ही व्यवस्था दिलाए जाने की मांग भी प्रदेश सरकार के समझ उठाई है।

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विशेष श्रृंगार में दिखेगा किन्नर अखाड़ा, बनेगा आकर्षण का केंद्र

किन्नर समाज हमेशा से ही अपने रंग-रुप, साज-सज्जा से समाज में एक अलग पहचान बनाता रहा है। इस कुंभ मेले में इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा। इस कुंभ में जहां किन्नरों का एक अलग स्वरुप और श्रृंगार देखने को मिलेगा, जो वाकई में एक देखने लायक पल होगा। जहां पर देश के कोने-कोने से आए किन्नर कुंभ जब पेशवाई के लिए उतरेंगे तो ये पल भी इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगा।

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कुंभ 2021 शाही स्नान (Shahi Snan) की तिथियां

वैसे तो कुंभ में सभी स्नान मायने रखते हैं, लेकिन शाही स्नान और मैन स्नान का कुछ अलग ही महत्व होता है।

पहला शाही स्नान (Shahi Snan) 

11 मार्च 2021 , शिवरात्रि के दिन पड़ेगा।

दूसरा शाही स्नान (Shahi Snan)

12 अप्रैल 2021, सोमवती अमावस्या के दिन पड़ेगा।

तीसरा शाही स्नान (Shahi Snan)

14 अप्रैल 2021, मेष संक्रांति पर पड़ेगा।

चौथा शाही स्नान (Shahi Snan) 

27 अप्रैल 2021, को बैसाख पूर्णिमा के दिन पड़ेगा।

कुंभ 2021 मुख्य स्नान (Main Snan) की तिथियां

पहला मुख्य स्नान (Main Snan)

14 जनवरी को हो गया है। इस दिन मकर संक्रांति थी। 

दूसरा स्नान (Main Snan)

11 फरवरी 2021 को होगा। इस दिन मौनी अमावस्या है।

तीसरा मुख्य स्नान (Main Snan)

16 फरवरी 2021 को होगा। इस दिन बसंत पंचमी है।

चौथा स्नान (Main Snan)

27 फरवरी 2021 को होगा। इस दिन माघ पूर्णिमा है।

 पांचवां स्नान (Main Snan)

13 अप्रैल 2021 को होगा। इस दिन चैत्र नवरात्र प्रारंभ होंगे।

छठा स्नान (Main Snan) 

21 अप्रैल 2021 को होगा। इस दिन रामनवमी का त्योहार है।

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