Maha Shivratri 2021 : हिन्दू धर्म महाशिवरात्रि पर्व का है बहुत महत्व, जानें त्योहार से जुड़ी खास बातें

  • महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) के दिन व्रत करके श्रद्धा पूर्वक भोलेनाथ की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
  • हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत खास मायने रखता है।
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Update: 2021-03-11 01:44 GMT

Maha Shivratri 2021 : महाशिवरात्रि के दिन पूरा दिन व्रत करके श्रद्धा पूर्वक भोलेनाथ की पूजा अर्चना करनी चाहिए, ऐसा करने से मनुष्य को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और उसके जन्म जन्मांतर के पाप दूर हो जाते हैं। शिवरात्रि का व्रत करने से मनुष्य इस लोक में सुख पूर्वक रहकर अंत में शिवलोक को प्राप्त होता है। हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत खास मायने रखता है। तो आइए जानते हैं महाशिवरात्रि के महत्व के बारे में।

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अगर आप संपूर्ण व्रत करने में असमर्थ हैं तो महाशिवरात्रि के दिन पूरा दिन व्रत करने के बाद शाम के समय भगवान शिव की पूजा-अर्चना करके अपना व्रत खोल सकते हैं। श्रद्धा पूर्वक व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, महाशिवरात्रि के दिन पूरी रात जागरण करके भगवान शिव की भक्ति करने से मनुष्य के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

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महाशिवरात्रि से जुडी खास बातें

  1. महाशिवरात्रि की रात महा सिद्धिदात्री मानी जाती है, इस समय किए गए दान, शिवलिंग की पूजा और स्थापना का बहुत महत्व होता है।
  2. शिवरात्रि की रात में आप स्फटिक या पारद शिवलिंग को अपने घर या व्यवसाय स्थल पर स्थापित कर सकते हैं।
  3. शास्त्रों में पारद शिवलिंग को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है।
  4. पारद का भोलेनाथ से सीधा संबंध होने की वजह से यह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, यदि आप श्रद्धा पूर्वक पारद शिवलिंग का दर्शन करते हैं तो इससे आपको अतुल्य पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
  5. गृहस्थ लोगों के लिए पारद के साथ-साथ स्फटिक शिवलिंग की पूजा और स्थापना भी बहुत अच्छी मानी जाती है, स्फटिक शिवलिंग की पूजा, अभिषेक और दर्शन करने से कभी भी धन की कमी नहीं होती है और आपका स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है।
  6. महाशिवरात्रि में रात्रि जागरण का सीधा अर्थ यह है कि जब संपूर्ण जगत अचेतन होकर निद्रा में लीन हो जाता है तब संयमी लोग जिन्होंने उपवास द्वारा अपने इंद्रियों पर विजय प्राप्त की है जाग कर अपने सभी कार्यों को पूर्ण करते हैं।
  7. जब लोग रात के समय जागकर अपनी लक्ष्य सिद्धि के लिए प्रयास करते हैं तब शिव की उपासना करने के लिए सबसे उचित समय होता है।
  8. इसके अलावा रात्रि प्रिय शिव से मिलने के लिए यह अवसर श्रेष्ठ रहता है, वास्तविकता यह है कि महाशिवरात्रि के अवसर पर अगर आप सच्चे मन से शिव व्रत करते हैं तो यह उपवास और जागरण अपने आप ही पूर्ण हो जाता है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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