Mangala Gauri Vrat: इस दिन है सावन मास का दूसरा मंगला गौरी व्रत, जानें महत्व
Mangala Gauri Vrat: सावन का महीना पर्वों और त्योहारों के लिए जाना जाता है। इस महीने में लोग ज्यादातर भगवान के पूजा-पाठ में लीन रहते हैं। सावन माह में प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। सनातन धर्म में इस पर्व का बहुत ही विशेष महत्व हैं। आइये जानते हैं...;
Mangala Gauri Vrat: सावन का महीना पर्वों और त्योहारों के लिए जाना जाता है। इस महीने में लोग ज्यादातर भगवान के पूजा-पाठ में लीन रहते हैं। सोमवार का दिन भगवान शिव के लिए जाना जाता है। इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इसी तरह से पवित्र सावन मास में मंगलवार का दिन माता पार्वती को समर्पित है। सावन में प्रत्येक मंगलवार को माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इसके साथ ही प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat) रखा जाता है। सनातन धर्म में इस पर्व का बहुत ही विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत रखने से संतान प्राप्ति, अखंड सुहाग के साथ संतान की रक्षा और घर-परिवार में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइये जानते हैं कि इस सावन में मंगला गौरी व्रत कब हैं।
कब है मंगला गौरी व्रत
इस बार सावन माह के दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई, 2023 मंगलवार के दिन रखा जाएगा। इस मंगलावार के दिन श्रावण महीना (Shravan Month) के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। इस विशेष दिन पर चार अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही इस दिन पर सुकर्मा और धृति योग बन रहे हैं।
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मंगला गौरी व्रत का महत्व
इस मंगला गौरी व्रत को सिर्फ महिलाएं रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती ने इस मंगला गौरी व्रत को रखकर भगवान शिव को प्रसन्न किया था। इसके बाद माता ने भगवान को पति के रूप में प्राप्त किया था। वहीं, इस व्रत को रखने के बाद जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं, बाधाएं सब खत्म हो जाती हैं। घर-परिवार में संतान की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्रों में यहां तक बताया गया है कि इस मंगला गौरी व्रत रखने के बाद पति दीर्घायु हो जाता है।
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