Mangla Gauri Vrat 2021 : शीघ्र विवाह के लिए कुंवारी कन्याएं करें ये उपाय, माता मंगला गौरी की कृपा से जल्दी हो जाएगी आपकी शादी
- सावन का महीना आने ही वाला है।
- सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत मनाया जाता है।
- मंगला गौरी व्रत करने से विवाह में आ रही बाधा दूर होती हैं।
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Mangla Gauri Vrat 2021 : सावन का महीना आने ही वाला है। सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत मनाया जाता है। वहीं मंगला गौरी व्रत करने से विवाह में आ रही बाधा दूर होती हैं। अविवाहितों के अलावा यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए भी सौभाग्यशाली माना जाता है। सावन के मंगलवार को जो मंगला गौरी व्रत मनाया जाता है उससे विवाह संबंधी अड़चनें, विवाह संबंधी समस्या तुरंत ही समाप्त हो जाती हैं।
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इस व्रत से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दिन माता मंगला गौरी यानी पार्वती की पूजा करने के बाद मंगला गौरी की कथा भी सुननी चाहिए। आने वाले सावन के महीने में मंगलवार को होने वाले व्रत-उपवास मनुष्य के सुख- सौभाग्य में भी वृद्धि करते हैं। अपने पति और संतान की लंबी उम्र एवं सुखी जीवन की कामना के लिए और विवाह संबंधी समस्याओं के लिए, अड़चनों के लिए मंगला गौरी व्रत के दिन कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। सौभाग्य से जुड़ा व्रत होने के कारण नवविवाहिताएं भी इस व्रत को बड़ी ही धूमधाम से करती हैं।
जिन युवती और महिलाओं की कुंडली में वैवाहिक जीवन में कमी है या शादी के बाद पति से अलग होने या तलाक होने जैसे अशुभ योग निर्मित्त होते हैं तो उन महिलाओं के लिए मंगला गौरी व्रत विशेष रुप से फलदायी है। इसलिए ऐसी महिलाओं को 16 सोमवार के साथ-साथ मंगला गौरी व्रत भी अवश्य करना चाहिए। एक बार यह व्रत प्रारंभ करने के पश्चात जबतक आपकी इच्छा पूरी नहीं हो जाती अर्थात कम से कम पांच वर्ष तक यह व्रत रखना चाहिए। इसके बाद इस व्रत का विधि विधान से उद्यापन करन देना चाहिए।
जल्दी विवाह का उपाय
इस व्रत को करने के लिए सबसे पहले आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यक्रम से निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा स्वच्छ वस्त्र धारण करके माता पार्वती और शिवजी के चरणों में बैठ जाएं। इस व्रत में एक ही समय अन्न ग्रहण करके पूरे दिन मां पार्वती की आराधना की जाती है। तत्पश्चात व्रत का संकल्प करें और मंगला गौरी के चित्र या प्रतिमा को एक चौकी या सफेद पाटे पर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। फिर उस प्रतिमा के सामने घी का दीपक आटे से बनाया हुआ जलाएं। दीपक ऐसा हो जिसमें 16 बत्तियां लगाई जा सकती हों।
इस दिन आपको पीपल के वृक्ष में जल देकर और शाम को वहां पर एक दीपक जलाकर फिर वापस पीछे मुड़कर नहीं देखना है और अपने घर वापस आ जाना है। इस उपाय को करने वाली कन्या की शादी के शीघ्र ही योग बनते हैं।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)