Margashirsha Purnima 2020 : जानिए मार्गशीष पूर्णिमा का महत्व

Margashirsha Purnima 2020 : मार्गशीष मास के शुक्ल की पूर्णिमा तिथि को मार्गशीष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima) के नाम से जाना जाता है। इस पूर्णिमा ( Purnima) का शास्त्रों में बहुत अधिक महत्व बताया गया है तो चलिए जानते हैं मार्गशीष पूर्णिमा का महत्व।;

Update: 2020-10-12 05:16 GMT

Margashirsha Purnima 2020 : मार्गशीष मास की पूर्णिमा 30 दिसंबर 2020 (Margashirsha Purnima 30 December 2020) को पड़ रही है। इस पूर्णिमा को बत्तीसी पूर्णिमा (Battisi purnima) के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा क्या है मार्गशीष पूर्णिमा का महत्व आइए जानते हैं।

मार्गशीष पूर्णिमा का महत्व (Margashirsha Purnima Ka Mahatva)

मार्गशीष मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा मार्गशीष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीष मास की पूर्णिमा तिथि से ही सतयुग का आरंभ हुआ था। इसी कारण से मार्गशीष माह के पूरे महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से सभी तरह के पाप धूल जाते हैं और मरने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए मार्गशीष पूर्णिमा पर स्नान को भी अधिक महत्व दिया जाता है।

मार्गशीष मास की पूर्णिमा तिथि को किया गए दान का 32 गुना फल मिलता है। इसी कारण से बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि मार्गशीष पूर्णिमा पर किया गया दान जीवन के अंत तक पुण्यफलों के रूप में प्राप्त होता है। इतना ही नहीं इस दिन पितरों के नाम से किया गया दान भी उन तक शुभ फलों के रूप में पहुंचता है। इसी कारण से मार्गशीष मास की पूर्णिमा पर लोग ज्यादा से ज्यादा दान करते हैं।

इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा अर्चना की जाती है। मार्गशीष मास की पूर्णिमा तिथि पर भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ना और सुनना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भगवान सत्यानारयण की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में किसी भी तरह का कोई भी संकट पास नहीं भटकता है। इसके साथ ही भगवान सत्यानारयण की कृपा से जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है और भगवान सत्यनारायण का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

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