Masik Shivratri 2023: कब है मासिक शिवरात्रि, जानें पूजा विधि और महत्व
Masik Shivratri 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। तो आइए जानते हैं इस माह में मासिक शिवरात्रि कब है और इसका महत्व क्या है।;
Masik Shivratri 2023: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह का महीना बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है। इस माह में ऐसे पर्व त्यौहार आते हैं, जिनका अपना एक अलग ही महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। जो महिलाएं मासिक शिवरात्रि का व्रत करती हैं, तो उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार, ये इच्छा पूर्ति के लिए यह सबसे उत्तम व्रत होता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो जातक इस दिन व्रत रखता है, उसे भगवान शंकर और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जाओं का संचार होने लगता है और सभी समस्याओं से मुक्ति भी मिल जाती है।
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मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 17 मई दिन बुधवार की रात 10 बजकर 28 मिनट पर मासिक शिवरात्रि का पर्व शुरू होगा और अगले दिन 18 मई दिन गुरुवार की रात्रि 9 बजकर 42 मिनट पर खत्म हो जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस माह शिवरात्रि की पूजा रात में की जाती है। इस माह की शिवरात्रि को कई तरह के दिव्य सहयोग बन भी बन रहे हैं, इस मासिक शिवरात्रि के दिन त्रयोदशी के साथ-साथ चतुर्थी तिथि का भी संयोग बन रहा है।
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जानिए मासिक शिवरात्रि की धार्मिक मान्यता
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। शास्त्रों के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना बहुत ही फलदायी माना जाता है। मासिक शिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करके भगवान शिव जी के शिवलिंग पर जल अर्पित करें। इसके बाद बेलपत्र, गंगाजल, गाय का कच्चा दूध, सफेद अक्षत और चंदन इत्यादि चढाने का बहुत ही बड़ा महत्व होता है। इस तरह से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से भक्तों पर हमेशा उनकी कृपा बनी रहती है।
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