Mauni Amavasya 2021 : मौनी अमावस्या 2021 की तिथि, चंद्र दर्शन का समय और क्या है इसके व्रत की विधि

  • Mauni Amavasya 2021 : साल 2021 में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कब है।
  • मौनी अमावस्या का दिन और तिथि (Mauni Amavasya Day and Date) क्या होगी।
  • चंद्र दर्शन का समय क्या होगा और क्या है मौनी अमावस्या के व्रत की विधि (Mauni Amavasya Vrat ki vidhi) क्या है।
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Update: 2021-02-11 03:22 GMT

Mauni Amavasya 2021 : हिन्दू धर्म में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) का विशेष महत्व है। माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) या माघ अमावस्या के नाम से जाना जाता है।

मान्यता है कि इस दिन मनुष्य को मौन रहना चाहिए। और किसी पवित्र नदी अथवा सरोवर में स्नान करना चाहिए। वहीं इस दिन पितृों का तर्पण करने की भी परंपरा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन मुनि शब्द से मौनी शब्द की उत्पत्ति हुई। इसलिए इस दिन मौन रहने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है।

शास्त्रों में माघ अमावस्या के दिन मौन रहने का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन मौन रहना अगर संभव ना हो तो माघ अमावस्या के दिन कड़वा नहीं बोलना चाहिए। वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। अमावस्या के दिन चंद्र देव के दर्शन नहीं होते। इसलिए इस दिन मन की स्थिति कमजोर रहती है। अमावस्या के दिन मौन रहकर मन को संयम में रखने का विधान बताया गया है। मौनी अमावस्या के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है।

मौनी अमावस्या की व्रत विधि (Mauni Amavasya Vrat Vidhi)

मौनी अमावस्या के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर और नित्य क्रियाओं से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना चाहिए। लेकिन अगर ऐसा संभव ना हो तो आप घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस दिन स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो वहां तक मौन रहना चाहिए। वहीं आप गरीब और भूखे लोगों को भोजन कराएं। अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला,कंबल, पलंग, घी और गोशाला में गाय के लिए भोजन का दान करें।

यदि आप अमावस्या के दिन गोदान, स्वर्ण दान या भूमि दान करना चाहते हैं तो ये आपके लिए सर्वोत्तम होगा। हर अमावस्या की भांति माघ अमावस्या में भी पितृों को याद करके उनका तर्पण करने का विधान है। इस दिन पितृों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

माघ अमावस्या 2021

11 फरवरी 2021, दिन गुरुवार

माघ, कृष्ण अमावस्या तिथि

प्रारंभ : 01:08 AM, 11 फरवरी

समाप्त : 12:35 AM, 12 फरवरी

चंद्र दर्शन का समय

13 फरवरी 2021, दिन शनिवार

06:10 PM से 07:38 PM तक

अवधि : 01 घंटा, 28 मिनट

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