Mauni Amavasya 2022: अमावस्या के दिन करें ये चमत्कारी उपाय, फिर देखें जीवनभर कमाल

Mauni Amavasya 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार अमावस्या चंद्र मास की 30 वीं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है उस दिन आकाश में चंद्रमा का लोप हो जाता है अर्थात चंद्रमा दिखाई नहीं देता, रात्रि में सर्वत्र गहन अन्धकार छाया रहता है। इस दिन का ज्योतिष एवं तंत्र शास्त्र में अत्यधिक महत्व हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार अमावस्या के दिन किए गए उपाय बहुत ही प्रभावशाली होते है और इसका फल भी अति शीघ्र प्राप्त होता है।;

Update: 2022-01-29 01:37 GMT

Mauni Amavasya 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार अमावस्या चंद्र मास की 30 वीं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है उस दिन आकाश में चंद्रमा का लोप हो जाता है अर्थात चंद्रमा दिखाई नहीं देता, रात्रि में सर्वत्र गहन अन्धकार छाया रहता है। इस दिन का ज्योतिष एवं तंत्र शास्त्र में अत्यधिक महत्व हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार अमावस्या के दिन किए गए उपाय बहुत ही प्रभावशाली होते है और इसका फल भी अति शीघ्र प्राप्त होता है। पितृ दोष हो या किसी भी ग्रह की अशुभता को दूर करना हो, अमावस्या के दिन सभी के लिए उपाय बताए गए है। आपकी आर्थिक, पारिवारिक और मानसिक सभी तरह की परेशानियां इस दिन थोड़े से प्रयास से ही दूर हो सकती है। तो आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के उपायों के बारे में...

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  1. प्रत्येक अमावस्या के दिन घर के कोने-कोने को अच्छी तरह से साफ करें, सभी प्रकार का कबाड़ निकाल कर बेच दें। इस दिन सुबह शाम घर के मंदिर और तुलसी पर दिया अवश्य ही जलाएं इससे घर से कलह और दरिद्रता दूर रहती है।
  2. अमावस्या पर तुलसी के पत्ते या बिल्व पत्र बिलकुल भी नहीं तोडऩा चाहिए। अमावस्या पर देवी-देवताओं को तुलसी के पत्ते और शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने के लिए उन्हें एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।
  3. धन लाभ के लिए अमावस्या के दिन पीली त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मन्दिर में ऊंचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएं कि वह लगातार लहराती रहे, तो आपका भाग्य शीघ्र ही चमक उठेगा। लगातार स्थाई लाभ हेतु यह ध्यान रहे की झंडा वहां लगा रहना चाहिए। उसे आप समय समय पर स्वयं बदल भी सकते है।
  4. प्रत्येक अमावस्या को गहरे गड्ढे या कुएं में एक चम्मच दूध डालें इससे कार्यों में बाधाओं का निवारण होता है । इसके अतिरिक्त अमावस्या को आजीवन जौ दूध में धोकर बहाएं, आपका भाग्य सदैव आपका साथ देगा ।
  5. अमावस्या के दिन शनि देव पर कड़वा तेल, काले उड़द, काले तिल, लोहा, काला कपड़ा और नीला पुष्प चढ़ाकर शनि का पौराणिक मंत्र "ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तण्डसंभुतं नमामि शनैश्चरम।" की एक माला का जाप करने से शनि का प्रकोप शांत होता है , एवं अन्य ग्रहों के अशुभ प्रभावों से भी छुटकारा मिलता है । हर अमावस्या को पीपल के पेड़ के नीचे कड़वे तेल का दिया जलाने से भी पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं।
  6. अमावस्या की रात्रि में आठ बादाम और आठ काजल की डिबिया काले कपडे में बांध कर सिंदूर में रखे, इससे शीघ्र ही आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है ।
  7. अमावस्या के दिन क्रोध, हिंसा, अनैतिक कार्य, मांस, मदिरा का सेवन एवं स्त्री से शारीरिक संबंध, मैथुन कार्य आदि का निषेध बताया गया है, जीवन में स्थाई सफलता हेतु इस दिन इन सभी कार्यों से दूर रहना चाहिए।
  8. अमावस्या पर पितरों की तृप्ति के लिए विशेष पूजन करना चाहिए। यदि आपके पितृ देवता प्रसन्न होंगे तभी आपको अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त हो सकती है। पितरों की कृपा के बिना कठिन परिश्रम के बाद भी जीवन में अस्थिरता रहती है, मेहनत के उचित फल प्राप्त नहीं होती है।

(Disc।aimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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