नरक चतुर्दशी 2020, अभ्यंग स्नान मुहूर्त, यम पूजा विधि, दीपदान का शुभ मुहूर्त, आप भी जानें

नरक चतुर्दशी का दिनांक और तिथि क्या है। नरक चतुर्दशी की पूजा की विधि क्या है। दीपदान का शुभ मुहूर्त क्या है। अभ्यंग स्नान मुहूर्त क्या है। नरक चतुर्दशी के दिन क्या करना चाहिए। और नरक चतुर्दशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए। कैसे पूजा करनी चाहिए। और कैसे स्नान करना चाहिए। तो आइए आप भी इन सबके बारे में जाने।;

Update: 2020-08-26 10:49 GMT

नरक चतुर्दशी का दिनांक और तिथि क्या है। नरक चतुर्दशी की पूजा की विधि क्या है। दीपदान का शुभ मुहूर्त क्या है। अभ्यंग स्नान मुहूर्त क्या है। नरक चतुर्दशी के दिन क्या करना चाहिए। और नरक चतुर्दशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए। कैसे पूजा करनी चाहिए। और कैसे स्नान करना चाहिए। तो आइए आप भी इन सबके बारे में जाने।

दीपावली पांच दिनों का त्यौहार होता है। जिसमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाईदूज आते हैं। हिन्दू कलेंडर के अनुसार कार्तिक माह महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन को रूप चौदस या नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर अभ्यंग स्नान यानि तेल मालिश करके औषधीय स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। और आपको स्वास्थ्य सुख मिलता है। आपकी उम्र बढ़ती है। और नरक के भय से मुक्ति मिलती है। वहीं शाम को धर्मराज यम की पूजा और दीपदान करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है।

अभ्यंग स्नान करने की विधि

नरक चतुर्दशी के दिन आपको सूर्योदय से पहले उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत होने के बाद तिल के तेल से शरीर की मालिश करनी चाहिए। इसके बाद चिड़चिड़े के कुछ पत्ते पानी में डालकर स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को नरक के भय से मुक्ति मिलती है और उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

धार्मिक मान्यता यह है कि नरक चतुर्दशी यानि यम दिवाली भी इसे कहते हैं। कहा जाता है कि यम दिवाली के दिन घर को सूना नहीं छोड़ना चाहिए। यानि इस दिन घर में कोई ना कोई जरूर रहना चाहिए। मान्यता है कि घर को सूना रखने से सुख, समृद्धि की हानि होती है।

अकाल मृत्यु को टालने के लिए छोटी दिवाली के दिन घर की दक्षिण दिशा में एक दीप में एक सिक्का रखकर दीप को जलाना चाहिए। और यमराज से अकाल मृत्यु को टालने की प्रार्थना करनी चाहिए। कहते है कि जिन घरों में यम दीप का दान होता है उनके पूर्वज प्रसन्न रहते हैं। और यमराज भी उस घर में रहने वालों को अकाल मृत्यु से बचाते हैं।

वर्ष 2020 में नरक चतुर्दशी का पर्व

14 नवंबर 2020, दिन शनिवार

नरक चतुर्दशी 2020 का मुहूर्त

अभ्यंग स्नान सुबह 05:09 बजे से सुबह 09:21 बजे तक

स्नान की अवधि

01 घंटे 12 मिनट

नरक चतुर्दशी तिथि प्रारंभ 13 नवंबर 2020, शाम 05:59 बजे

नरक चतुर्दशी तिथि समाप्त 14 नवंबर 2020, शाम 0217 बजे

यम दीपदान की विधि और पूजा कैसे करें

कुछ लोग यम दीपदान चौमुखी दीपक से करते हैं। और कुछ लोग एक मुखी दीये से यम दीपदान करते हैं। कुछ लोग पुराने दीये से यम का दीप जलाते हैं तो कुछ लोग आटे का दीया बनाकर यम दीपदान करते हैं। आप कैसे भी दीये का प्रयोग करें लेकिन यम का दीपदान जरूर करें। यह यमराज को खुश करने के लिए, अकाल मृत्यु से आपको और आपके परिवार को बचाने के लिए होता है। दीया जलाने के पूर्व उसमें सरसों का तेल डालें और पुराने कपड़े की बत्ती बनाएं। घर से दीप जलाकर लाएं और घर से बाहर उसे दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके नाली या कुड़े के ढेर पर रख दें। और साथ में वहां जल भी चढ़ाएं। और बिना उस दीये को देखे घर आ जाएं।

याद रखें कि यम का दीया परिवार के सभी सदस्यों के घर आने और खाने पीने के बाद सोते समय जलाया जाता है। यम दीपदान करने से यमराज प्रसन्न होते हैं। आरोग्य और लंबी उम्र का आशीर्वाद देते हैं। यम पूजा और दीपदान से कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इसके साथ ही जाने-अनजाने में किए गए हर प्रकार के पाप भी कट जाते हैं। जिससे परिवार पर किसी भी तरह की विपत्ति नहीं आती है।   

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