Narak Chaturdashi 2020 : जानिए नरक चतुर्दशी के शुभ संयोग, इस समय पर करें अभ्यंग स्नान

Narak Chaturdashi 2020 : नरक चतुर्दशी के दिन यम दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। इस पर्व को रूप चतुर्दशी (Roop Chaturdashi) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन अभ्यंग स्नान (Abhyang Snan) को बहुत ही ज्यादा महत्व दिया जाता है जो सुबह 5 बजकर 6 मिनट से सुबह 6 बजकर 16 मिनट पर करना शुभ रहेगा। इसके अलावा इस दिन कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं आइए जानते हैं...;

Update: 2020-11-09 09:52 GMT

Narak Chaturdashi 2020 : नरक चतुर्दशी का पर्व 14 नवंबर 2020 (Narak Chaturdashi Festival 14 November 2020) को मनाया जाएगा। इस दिन शरीर पर तिल के तेल से मालिस करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन दीप दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इस बार नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहे हैं। जिसमें दीप दान करने से आपको जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति हो सकती है और आपके सभी कष्ट समाप्त हो सकते हैं तो चलिए जानते हैं नरक चतुर्दशी के शुभ संयोग।

नरक चतुर्दशी के शुभ संयोग (Narak Chaturdashi Ke Shubh Sanyog)

नरक चतुर्दशी पर इस साल बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं। इस साल नरक चतुर्दशी 14 नवंबर 2020 को मनाई जाएगी। इस दिन घर के मुख्य द्वार पर यम दीपक जलाने से घर के लोगों को अकाला का मृत्यु का भय नहीं सताता। इस बार नरक चतुर्दशी पर ग्रहों को बहुत ही अद्भुत योग बन रहा है। नवग्रहों में न्यायधीश माने जाने वाले शनि अपनी स्वंय की राशि मकर और गुरु ग्रह भी अपनी स्वंय की राशि धनु में स्थित है।

इसके अलावा शुक्र ग्रह कन्या राशि में नीच के रहेंगे। ग्रहों का यह दुर्लभ संयोग 499 साल बाद बन रहा है। साल 2020 से पहले 1521 में गुरु,शुक्र और शनि का यह योग बना था। उस समय 8 नवंबर को नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया गया था। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गुरु और शनि को आर्थिक स्थिति में शुभ और अशुभ प्रभाव देने वाले ग्रह माने जाते हैं। इस बार इन दोनों के अपनी ही राशि में रहने के कारण धन संबंधी किसी कार्य में उपलब्धि प्राप्त सकती है।

वहीं इस बार 14 नवंबर को ही चतुर्दशी और अमावस्या तिथि एक साथ ही पड़ रही है। इस दिन चतुर्दशी तिथि दोपहर 1 बजकर 16 मिनट तक रहेगी और उसके बाद अमावस्या तिथि का प्रारंभ हो जाएगा। इसके बाद अगले दिन दोपहर के समय में अमावस्या तिथि समाप्त होगी। ऐसे में नरक चतुर्दशी का पर्व 14 नवंबर को ही मनाया जाएगा। 15 नवंबर को सिर्फ स्नान और दान ही किया जाएगा।

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