Navratri Special Story: भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी स्थित है माता के शक्तिपीठ, इन देशों के नाम जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान
Navratri Special Story: माता सती के शरीर का अंग जिस-जिस जगह पर गिरे वे स्थान शक्तिपीठ कहलाएं। नवरात्रि (Navratri 2023) के खास मौके पर इन शक्तिपीठ पर भारी संख्या में भक्तों की भीड़ लगी रहती है।;
Navratri Special Story: देशभर में नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इन दिनों माता के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना और उपवास किया जाता है। माता के मंदिरों में भक्तों का भीड़ देखने को मिलती है। मान्यता है कि माता सती ने जब स्वंय को हवन खुंड में भस्म किया था, तब भगवान विष्णु ने अपने चक्र से देवी के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए थे। ये टुकड़े धरती पर जहां-जहां गिरे उन स्थानों को शक्तिपीठ (Navratri Special Story) के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में इन 51 शक्तिपीठों का काफी महत्व है। माता के सभी शक्तिपीठ भारत में नहीं है। 51 शक्तिपीठों में से 9 शक्तिपीठ विदेशों में मौजूद है। आइए जानते हैं कि कौन से शक्तिपीठ भारत से बाहर स्थित है।
1-बांग्लादेश
बांग्लादेश में माता के चार शक्तिपीठ है, जो सुगंधा शक्तिपीठ, करतोयाघाट शक्तिपीठ, चट्टल शक्तिपीठ और यशोर शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध है।
सुगंधा शक्तिपीठ
सुगंधा शक्तिपीठ बांग्लादेश के बरिसाल जिले से 20 किलोमीटर दूर शिकारपुर में स्थित है। इस शक्तिपीठ में माता सती की नाक गिरी थी। इस शक्तिपीठ की देवी को सुनन्दा, देवी तारा के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर स्थापित भैरव बाबा को त्रयंबक भैरव कहा जाता है।
करतोयाघाट शक्तिपीठ
करतोयाघाट शक्तिपीठ बांग्लादेश के भवानीपुर के बेगड़ा में स्थित है। यहां पर माता सती के बाएं पैर का पायल गिरी थी। यहां पर स्थापित देवी को अपर्णा के रूप में जाना जाता है और भैरव बाबा को शिव वामन के नाम से जाना जाता है।
चट्टल शक्तिपीठ
यह शक्तिपीठ बांग्लादेश के चटगांव में स्थित है। इस स्थान पर देवी की दाहिनी भुजा गिरी थी। इस शक्तिपीठ में मौजूद देवी को भवानी और भैरवनाथ को चंद्रशेखर के नाम से पुकारा जाता है।
यशोर शक्तिपीठ
यह शक्तिपीठ बांग्लादेश के जैसोर खुलना स्थान में स्थापित है। इस स्थान पर माता के बाएं हाथ की हथेली गिरी थी। यहां पर मौजूद माता को यशोरेश्वरी और बाबा भैरव को चंद्र कहा जाता है।
2- पाकिस्तान
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में माता सती का एक शक्तिपीठ मौजूद है, जिसे हिंगलाज शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। इस स्थान पर देवी सती का सिर गिरा था। यहां पर मौजूद देवी को कोट्टरी और भैरवनाथ को भीमलोचन के नाम से जाना जाता है।
3-तिब्बत
तिब्बत, मानसरोवर के पास मानस शक्तिपीठ मौजूद है। इस स्थान पर सती के दाहिने हाथ की हथेली गिरी थी। इस शक्तिपीठ की शक्ति को दक्षायणी और भैरव को अमर के नाम से जाना जाता है।
4-नेपाल
नेपाल में माता के दो शक्तिपीठ गुह्येश्वरी शक्तिपीठ और गण्डकी शक्तिपीठ स्थित हैं।
गुह्येश्वरी शक्तिपीठ
गुह्येश्वरी शक्तिपीठ नेपाल के काठमांडू में मौजूद है। यहां पर माता के घुटने गिरे थे। यहां पर स्थापित माता को महामाया और भैरव को कपाल के नाम से जाना जाता है।
गण्डकी शक्तिपीठ
गण्डकी शक्तिपीठ नेपाल के गण्डकी नदी के पास स्थित है। इस जगह पर माता सती का कपोल यानी गाल गिरा था। यहां की उपस्थित देवी को गण्डकी और भैरव को चक्रपाणि कहा जाता है।
5-श्रीलंका
श्रीलंका में एक शक्तिपीठ स्थित है, जिसे लंका शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। इस शक्तिपीठ में स्थापित देवी को इंद्राक्षी और बाबा भैरव को राक्षेश्वर कहा जाता है।